भिवानी, 5 जुलाई (हप्र)चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान डॉ. पवन बुवानीवाला ने उद्योगपतियों से विचार-विमर्श के बाद उपायुक्त एवं बिजली बोर्ड के एससी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बिजली दरों में की गई वृद्धि व्यापारी वर्ग एवं आम जनता दोनों के लिए पीड़ादायक है। इससे न केवल व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि आमजन का घरेलू बजट भी चरमरा गया है।उन्होंने कहा कि बिजली की दरों में चुपचाप की गई यह वृद्धि आम नागरिकों के जीवन पर सीधा प्रभाव डाल रही है। चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री भिवानी इसका पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों में फिक्स्ड चार्ज की वजह से उपभोक्ताओं पर अधिक बोझ पड़ा है।उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियां 7964.28 करोड़ यूनिट की विभिन्न बिजली उत्पादन इकाइयों से बिजली 3.12 रुपये प्रति यूनिट के दर खरीद रही हैं। वे उपभोक्ताओं को 7 रुपये 29 पैसे प्रति यूनिट की दर से बेच रही हैं। कुल खरीदी गई बिजली में से उपभोक्ता को केवल 6916 करोड़ यूनिट दी जानी हैं।रास्ते में नुकसान 22 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए उपभोक्ता को उस ऊर्जा के लिए 22 प्रतिशत अधिक भुगतान करना होगा, जो उन्हें दी ही नहीं है। डॉ. पवन बुवानीवाला ने व्यापारी व उद्योगपतियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि बिजली के रेट में भारी भरकम बढ़ोतरी से प्रदेश से उद्योग पलायन करने पर मजबूर होगा।सरकार ने निर्धारित शुल्क 165 से बढक़र 290 रुपए करके उद्योगपतियों की जेबों में डाका डालने का काम किया है। इससे उद्योगपतियों पर लगभग 2300 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ ओर बढ़ेगा। इस अवसर पर प्रदीप रामपुरिया, वीरेंद्र सिवाच, कामरेड रवि खन्ना, सुखबीर सिंह, देबूराम बापोडिय़ा, धनपति दहिया, सुरेश कागजी, सुनील प्रधान, बजरंग बहलिया, राजेश गुप्ता सहित आदि उपस्थित रहे।