प्रेरणा और संघर्ष की जीवन गाथा
केवल तिवारी
भारत का शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में थोड़ा-बहुत न जानता हो और अधिक जानने की जिज्ञासा न रखता हो। इसी जिज्ञासा को शांत करने के लिए साहित्यकारों और रचनाकारों ने समय-समय पर इस संबंध में कलम चलाई है।
अब एक बार फिर डॉ. कलाम पर नयी किताब आई है। नाम है, ‘कलाम की जीवन गाथा’ और लेखक हैं डॉ. सुभाष रस्तोगी। संयोग ही है कि यह पुस्तक मुझे समीक्षार्थ मिली है। इससे पहले मैंने कलाम साहब की आत्मकथा ‘विंग्स ऑफ फायर’ की अनूदित पुस्तक ‘अग्नि की उड़ान’ भी पढ़ी है।
आलोच्य पुस्तक के लेखक डॉ. रस्तोगी ने डॉ. कलाम के जीवन के प्रेरणादायी प्रसंगों को तवज्जो देते हुए उनके जीवन चरित को कुछ अध्यायों में समेटने की कोशिश की है। ‘घर का प्रेरक परिवेश और पिता का करिश्माई व्यक्तित्व’ से लेकर ‘मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अंतिम यात्रा’ तक विभिन्न अध्यायों में लेखक ने समझाया है कि कैसे एक साधारण परिवार का व्यक्ति सर्वधर्म समभाव का प्रेरणा पुंज बनता है और दुनिया से रुखसत होने के बाद विचारों, सपने देखने और उन्हें सच करने की कोशिशों की विरासत को छोड़ जाता है। तभी तो कलाम कहा करते थे, ‘सपने वे नहीं है जो हम नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो हमको नींद नहीं आने देते।’ महान व्यक्ति बनने के पीछे महान परिवार होता है। उनके नेक विचार होते हैं।
इसी विरासत का वर्णन करते हुए लेखक ने उनके बचपन से लेकर वैज्ञानिक बनने तक और फिर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने के विवरण को सहज और सरल शैली में चित्रित किया है।
डॉ. कलाम के जीवन के समझने के साथ-साथ तैयार हो रही अगली पीढ़ी और उसको संवार रही वर्तमान पीढ़ी के लिए यह पुस्तक उपयोगी साबित हो सकती है।
पुस्तक : कलाम की जीवन यात्रा लेखक : डॉ. सुभाष रस्तोगी प्रकाशक : अंकुर प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ : 167 मूल्य : रु. 495.