पाठकों को आमंत्रण
जन संसद की राय है कि भले ही ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा हो, लेकिन स्थायी शांति के लिये चुनौती खत्म नहीं हुई है। जरूरी है, सुरक्षा बल सतर्क रहें व नागरिक आतंकवाद से मुकाबले को उठ खड़े हों।
चौकन्ना रहें
पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि उसने कभी अपने वादों पर अमल नहीं किया। उसका राजनीतिक और रणनीतिक ढांचा भारत विरोध पर आधारित है। वह आतंकी संगठनों को पालता-पोसता है और बार-बार भारत को धोखा देता है। भारत ने हमेशा अच्छे संबंधों की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की दगाबाजी जारी रही। अब भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी आतंकी हमला युद्ध की तरह माना जाएगा और उसी स्तर पर जवाब दिया जाएगा। हमें पाकिस्तान से हर समय सतर्क और चौकन्ना रहना होगा।
सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, रेवाड़ी
स्थायी शांति की चुनौती
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक ऐसा सैन्य अभियान रहा, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करना और आतंकवाद का खात्मा करना रहा है। हालांकि इसकी सफलता अहम है, पर असली चुनौती इसके बाद शुरू होती है—स्थायी शांति स्थापित करना, स्थानीय लोगों का पुनर्वास, आर्थिक विकास और राजनीतिक समाधान सुनिश्चित करना। सिर्फ सैन्य सफलता पर्याप्त नहीं होती, दीर्घकालिक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता ही किसी भी अभियान की सच्ची जीत को परिभाषित करती है।
सतपाल, कुरुक्षेत्र
हर पल सतर्क रहें
पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की कड़ी जवाबी कार्रवाई के बावजूद उसका भारत विरोधी रवैया कायम है। वह अन्य मुस्लिम देशों और चीन के सहयोग से अपनी हठधर्मिता दिखा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाक आतंकी ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाया। संघर्षविराम के बावजूद पाकिस्तान की हरकतें जारी हैं। निश्चय ही ऑपरेशन सिंदूर के बाद चुप तो नहीं बैठेगा। हमें हर पल चौकस रहना होगा और जैसे को तैसे वाला जवाब देते रहना होगा।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
स्थिरता को प्राथमिकता
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का साहसिक व रणनीतिक कदम था। अब असली चुनौती स्थिरता बहाल करना, पुनर्निर्माण और जनता का विश्वास जीतना है। युद्ध का प्रभाव केवल सीमाओं तक नहीं रहता, आम नागरिक भी प्रभावित होते हैं। आर्थिक गतिविधियों को सामान्य बनाना जरूरी है। हमारी सेना ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वह अब आतंकी घटना से पहले दस बार सोचेगा। भारत ने स्पष्ट किया है कि अब हर आतंकी कार्रवाई को युद्ध माना जाएगा और उसी अनुसार जवाब भी दिया जाएगा।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.
सख्त कदमों की दरकार
ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और सतत आक्रामकता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। आतंकवादी संगठनों को विदेशी मदद रोकने के लिए मददगार देशों पर आर्थिक, राजनीतिक, कूटनीतिक और सामरिक प्रहार जरूरी है। देश में छिपे आतंकवादियों, उनके समर्थकों और अवैध घुसपैठियों से कड़ी कार्रवाई करनी होगी। खुफिया तंत्र को मजबूत करना और प्रभावित राज्यों की पुलिस का आधुनिकीकरण करना भी जरूरी है ताकि आतंकवाद का प्रभावी मुकाबला हो सके।
बृजेश माथुर, गाजियाबाद, उ.प्र.
पुरस्कृत पत्र
वैश्विक समर्थन जरूरी
पहलगाम नरसंहार के जवाब में हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत को अगला कदम सोच-समझकर उठाना होगा। पाकिस्तान को साधे रखने के लिए चीन और तुर्किये जैसे देशों के भारत विरोधी रुख के निहितार्थ को समझना जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र में यह मुद्दा विवाद का विषय बन सकता है—भारत इसे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई मानेगा, जबकि पाकिस्तान इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताएगा। ऐसे में ऑपरेशन की वैधता पर विश्व समुदाय का समर्थन जुटाना भारत के लिए चुनौती होगी। साथ ही, खुफिया तंत्र को सक्रिय रखते हुए देश के भीतर छिपे आतंकियों पर भी कड़ी नजर रखनी होगी।
ईश्वर चंद गर्ग, कैथल