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पाठकों को आमंत्रण

04:00 AM May 19, 2025 IST
पाठकों को आमंत्रण
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जन संसद की राय है कि परमाणु युद्ध छेड़ना पाक के बूते की बात नहीं, लेकिन हमें सचेत, सतर्क रहते हुए सुरक्षा उपायों पर गंभीरता से सोचना चाहिए। मॉक ड्रिल, जागरूकता कार्यक्रमों व बचाव की रणनीति बने।

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मानवता के लिए घातक
परमाणु हमला किसी भी देश के लिए विनाशकारी होता है और इसका कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता। इससे न केवल प्रकृति बर्बाद होती है, बल्कि पर्यावरण भी सदियों तक प्रभावित रहता है। प्रतिशोध के माहौल में परमाणु हथियारों का प्रयोग मानवीयता के लिए घातक है। इसका उपयोग पूरी तरह से निषिद्ध होना चाहिए क्योंकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर खतरा है। जहां भी यह हमला होता है, वहां इसकी त्रासदी को सदियों तक भुलाया नहीं जा सकता। अतः इसके खिलाफ वैश्विक जनजागरण आवश्यक है।
हरिहर सिंह चौहान, इन्दौर, म.प्र.

आपातकालीन प्रशिक्षण
पाकिस्तान समय-समय पर भारत को परमाणु हमले की धमकी देता है। भले ही वह ऐसा कदम न उठाए, लेकिन नागरिकों में इसके प्रति जागरूकता जरूरी है। हमारी सुरक्षा एजेंसियां इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकती हैं। रेडियो, टेलीविजन और समाचारपत्रों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए। साथ ही देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित कर नागरिकों को परमाणु आपातकाल से निपटने की प्रशिक्षण देना अत्यंत आवश्यक है।
सतीश शर्मा, माजरा, कैथल

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संवाद से समाधान
परमाणु हमले का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि इसका असर केवल वर्तमान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों पर भी होता है। इसकी विनाशलीला कुछ ही क्षणों में सभ्यताओं को मिटा सकती है। परमाणु हथियारों का दुरुपयोग आतंकवाद में भी हो सकता है, जिससे सजग रहना जरूरी है। शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों और सरकारी तंत्र को मिलकर जनजागरूकता बढ़ानी चाहिए। सबसे बड़ा बचाव परस्पर संवाद द्वारा समाधान निकालकर ऐसे हालातों को रोकना है।
प्रो.अनूप कुमार गक्खड़, हरिद्वार

शांति प्रयास जरूरी
पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध भारत की कार्रवाई पर परमाणु हमले की धमकी देता है। भले ही इसकी संभावना कम हो, फिर भी भारतवासियों को परमाणु हमले के खतरों से अवगत कराना आवश्यक है। सामुदायिक भागीदारी, मॉक ड्रिल, आपदा प्रबंधन योजना और जनजागरूकता अभियानों के ज़रिए सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। परमाणु निरस्त्रीकरण और शांति प्रयासों को बढ़ावा देना समय की मांग है, ताकि हम भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित रख सकें।
पूनम कश्यप, नयी दिल्ली

सुरक्षा प्रशिक्षण दें
पाकिस्तान द्वारा दी जाने वाली परमाणु हमले की धमकियां महज गीदड़ भभकी हैं। चार दिन के युद्ध में ही पाकिस्तान पस्त हो गया और उसने सीजफायर की मांग की। भारत ने संयम के साथ साहसिक जवाब दिया। हालांकि परमाणु युद्ध के खतरे गंभीर होते हैं, जिससे भारी जन-धन हानि हो सकती है। अतः देशवासियों को सुरक्षा प्रशिक्षण देना, बचाव के साधन उपलब्ध कराना और आपदा प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि हर नागरिक सजग और सुरक्षित रह सके।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन

पुरस्कृत पत्र

सतर्कता जरूरी
भारत, पाकिस्तान से आर्थिक और सैन्य दृष्टि से कहीं अधिक सक्षम है। परमाणु हथियारों की संख्या में दोनों देश लगभग समान हैं, पर भारत न्यूक्लियर ट्रायड क्षमता के साथ कहीं आगे है। पाकिस्तान अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते परमाणु हमले की हिम्मत नहीं कर सकता। फिर भी नागरिकों और विद्यार्थियों को समय-समय पर मॉक ड्रिल के माध्यम से जागरूक करना जरूरी है, ताकि किसी आपात स्थिति में सतर्कता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी

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