For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पाठकों को आमंत्रण

04:00 AM Mar 03, 2025 IST
पाठकों को आमंत्रण
Advertisement

जन संसद की राय है कि पलायन को रोकने के लिए युवाओं को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए। सरकारी नीतियों में सुधार एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से युवाओं को विदेश जाने से रोका जा सकता है।

Advertisement

क्षमता का उपयोग हो
जब मेहनत के अनुपात में मेहनताना कम मिलने लगे, तो लोग पलायन करने लगते हैं, और आजकल भारत में यह स्थिति देखी जा रही है। युवाओं का पलायन रोकने के लिए उन्हें बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसर प्रदान करने होंगे। सामाजिक सुरक्षा और मेधा के सम्मान से उन्हें देश में ही रहने की प्रेरणा मिल सकती है। अवैध प्रवासियों द्वारा भुगते गए अमानवीय अनुभवों को साझा कर युवाओं को विदेश जाने से रोका जा सकता है। मानव तस्करी में संलिप्त एजेंटों पर सख्त कार्रवाई से युवाओं को उनके जाल में फंसने से बचाया जा सकता है। युवाओं की क्षमता का सही उपयोग करने से पलायन को रोका जा सकता है।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल

रोजगार के अवसर बढ़ें
भारत में बेरोजगारी के चलते उच्च वेतन की तलाश में लोग विदेश जाते हैं। हाल ही में अमेरिका ने अवैध भारतीय प्रवासियों को अमानवीय परिस्थितियों में वापस भेजा। भारत सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्यों हमारे युवा विदेश जाते हैं। क्यों उनकी प्रतिभा और योग्यता की कद्र नहीं होती? अगर हमारे देश में बेहतर रोजगार अवसर और सम्मानजनक वेतन मिलें, तो युवाओं को विदेश जाने की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार को रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि विदेश जाने की बजाय लोग देश में ही रहें।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

Advertisement

देश-प्रेम का जज्बा जगाएं
अमेरिका ने अवैध रूप से वहां रहने वाले भारतीयों को वापस भेजा और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। इससे यह सवाल उठता है कि क्यों हमारे युवा विदेश जाते हैं। सरकार को युवाओं के लिए यहां सम्मानजनक वेतन और रोजगार अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। इसके अलावा, विदेश भेजने वाले अवैध एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। युवाओं को अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल अपने देश में कर देश की सेवा करनी चाहिए। इसके लिए सरकार को रोजगार सृजन और उचित नीतियों पर ध्यान देना होगा।
शामलाल कौशल, रोहतक

आत्मनिर्भरता की दिशा
भारत में आईटी और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए, बहुत से भारतीय विदेश जाते हैं। हालांकि, हर देश का दायित्व है कि वह अपने नागरिकों को ही रोजगार दे। भारत को अपनी नीतियों में बदलाव कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना चाहिए। सरकार को युवाओं को बेहतर अवसर और सुविधाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि वे विदेश जाने की बजाय अपने देश में काम कर सकें और देश की प्रगति में योगदान दे सकें।
शिवरानी पुहाल, पानीपत

हालात बदलने चाहिए
भारत सरकार को चाहिए कि वह युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं अपने देश में ही उपलब्ध कराए। मोदी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपनी युवा पीढ़ी के लिए उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करे, ताकि उनका पलायन रुक सके। अधिकांश युवा उच्च शिक्षा और बेहतर रोजगार की तलाश में विदेश जाते हैं, जिससे देश में कार्यबल की कमी हो रही है। यदि देश में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध हों, तो यह पलायन रोकने में मदद करेगा। सरकार को इस दिशा में जल्द कदम उठाने चाहिए।
एमएम राजावत, शाजापुर, म.प्र.

पुरस्कृत पत्र

सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार बढ़ें
भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के बावजूद बेरोजगारी और आर्थिक असमानता की समस्याएं जारी हैं। कुछ प्रतिशत अमीरों के पास देश की अधिकांश संपत्ति है, जिससे बेरोजगारी और पलायन की समस्या गंभीर हो रही है। सरकार को कौशल विकास और सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। अगर निजीकरण की बजाय सहकारिता और सार्वजनिक क्षेत्र को प्रोत्साहन मिले, तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, आर्थिक असमानता कम होगी और पलायन रुक सकता है। इससे देश में युवाओं के लिए बेहतर अवसर सृजित होंगे।
बृजेश माथुर, गाजियाबाद, उ.प्र.

Advertisement
Advertisement