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प्रेम के बदलते मानक
नौ फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून में क्षमा शर्मा के लेख ‘वैलेंटाइन डे : प्रेम तो हॉट बिकाय’ में वैलेंटाइन डे की परंपरा और उसके वर्तमान रूप पर गहन चर्चा की गई है। पहले प्रेमी-प्रेमिका मर्यादा के तहत संकोच से प्रेम व्यक्त करते थे, लेकिन अब प्रेम में दिखावा और कई रिश्ते बनाना आम हो गया है। आजकल प्रेम का बाजार भी सजा है और मोबाइल के जरिए होने वाला प्रेम मजाक बन चुका है। लेख में बताया गया है कि सच्चा प्रेम अंतर्मन की आवाज है, जो व्यापार नहीं और वैलेंटाइन डे इसे स्थापित नहीं कर सका।
शामलाल कौशल, रोहतक
हार-जीत के मायने
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के पीछे कई कारण थे। प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां, जनसंपर्क अभियान और पार्टी की रणनीति ने माहौल को बदला। आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप, जैसे शराब घोटाला और मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी ने भी असर डाला। भाजपा ने नई रणनीतियों और चेहरों के साथ ज्यादा ऊर्जा और संसाधन लगाए। वहीं, कांग्रेस की हार का कारण उसकी कमजोर रणनीति और नेतृत्व में कमी रही। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को अपनी रणनीति, नेतृत्व और संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
भविष्य अनिश्चित
इंडिया गठबंधन का भविष्य दिल्ली चुनाव परिणामों के बाद अनिश्चित हो गया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों में बिखराव के बाद, दिल्ली चुनाव ने स्थिति और स्पष्ट कर दी है। विपक्षी नेताओं में असहमति, जैसे फारूक अब्दुल्ला का ट्वीट और कांग्रेस के भ्रम ने गठबंधन को कमजोर किया। नि:संदेह, विपक्ष तब तक मजबूत नहीं होगा जब तक क्षेत्रीय और समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक मंच पर लाकर ठोस योजना नहीं बनाई जाती।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली