For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पाठकों के पत्र

04:00 AM Jun 25, 2025 IST
पाठकों के पत्र
Hand Holding Pen
Advertisement

वैश्विक सुरक्षा पर घात
अठारह जून के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘रडार पर पाक’ अत्यंत प्रासंगिक रहा है। पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को राज्य नीति की तरह उपयोग कर रहा है। पुलवामा हमले से लेकर हाल ही में पहलगाम में हुए नरसंहार तक इसके प्रमाण हैं। एफएटीएफ ने भी माना है कि यह सब पाक की फंडिंग के बिना संभव नहीं। ऐसे देश को आईएमएफ जैसी संस्थाओं से वित्तीय सहायता दिलाना वैश्विक सुरक्षा के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement

जीवन का संदेश
आज के दौर में, एक ओर प्रेम के लिए अपने ही पति की हत्या का उदाहरण सामने आता है, जो सामाजिक विकृति का सूचक है। वहीं जालना जिले के साधारण किसान परिवार के 93 वर्षीय दंपति का अपनी पत्नी के लिए ‘प्रेम भाव’ प्रदर्शित करती, खबर (दैनिक ट्रिब्यून, 19 जून) ने अभिभूत कर दिया। यह अपने में, उन सभी को जीवन का संदेश देती है कि ‘प्रेम मन से होता है।’
गजानन पांडेय, हैदराबाद

बदलें मानसिकता
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आज भी जाति भेदभाव एक बड़ी सामाजिक समस्या है। संविधान ने सभी को समानता का अधिकार दिया है, फिर भी कई गांवों और शहरों में लोगों को उनकी जाति के आधार पर भेदभाव सहना पड़ता है। हमें इस मानसिकता को बदलना होगा।
स्मृति, शूलिनी विश्वविद्यालय, सोलन

Advertisement

शांति के प्रयास जरूरी
इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ता युद्ध केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए खतरा बन चुका है। इससे हजारों निर्दोष लोग प्रभावित हो रहे हैं और तेल आपूर्ति व अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह शांति प्रयासों को बढ़ावा दे और इस टकराव को रोककर मानवता और भविष्य की रक्षा सुनिश्चित करे।
दीपांशी सैनी, चौ. देवीलाल विवि, सिरसा

Advertisement
Advertisement