पाठकों के पत्र
हादसे के सवाल
गुजरात में अहमदाबाद से लंदन जा रहे हवाई जहाज का उड़ने के 38 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त होना एक भीषण त्रासदी थी। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें से केवल एक व्यक्ति बच पाया। विमान मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकराया, जिससे आग लग गई और कई मेडिकल के छात्र व अन्य लोग मारे गए। एयर इंडिया ने मृतकों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये और घायलों का इलाज करने का खर्च उठाने का फैसला किया है। विमान हादसों ने लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शामलाल कौशल, रोहतक
हवाई दुर्घटना का दर्द
अहमदाबाद में हुई हवाई दुर्घटना दिल दहला देने वाली है। करीब 265 लोगों की जान लेने वाली इस त्रासदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चाहे विमानन व्यवस्था सरकारी हाथों में हो या निजी क्षेत्र के अधीन, आम यात्रियों की जान का जोखिम कम नहीं हुआ है। कुछ दिनों में यह घटना लोगों की स्मृतियों से ओझल हो जाएगी, और सरकार भी तब तक निष्क्रिय बनी रहेगी जब तक कोई अगली दुर्घटना नहीं घटती। इस हादसे का असली दर्द तो केवल वही लोग समझ सकते हैं जिन्होंने इसमें अपने प्रियजनों को खोया है।
डीवी अरोड़ा, फरीदाबाद
रोकें रेल हादसे
मुंबई के मुंब्रा और दीवा स्टेशनों के बीच दो विपरीत दिशाओं से आ रही ट्रेनों के फुटबोर्ड पर लटके यात्रियों के बैग आपस में टकरा गए, जिससे चार लोगों की दुखद मृत्यु हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। भीड़भाड़ वाले डिब्बे, खुले दरवाज़े और कमजोर बुनियादी ढांचे के कारण ऐसी दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। सरकार को ऑटोमैटिक दरवाज़े, बेहतर भीड़ प्रबंधन, ट्रेन फेरे बढ़ाने और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी जैसे जरूरी कदम उठाने चाहिए।
सिमरन कम्बोज, चौ. देवी लाल विवि, सिरसा