पाठकों के पत्र
हम जिम्मेदार बनें
पांच जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजित करना और उनमें भाग लेना ही पर्याप्त नहीं है। लोगों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए। पानी का सदुपयोग, बिजली के लिए सोलर पैनल, पैट्रोल और डीजल वाले वाहनों की बजाय इलेक्ट्रॉनिक वाहन या साइकिल का प्रयोग कर पर्यावरण के सरंक्षण में योगदान देना चाहिए। पटाख़ों, सूखे पत्तों और पराली को न जला कर पर्यावरण को स्वच्छ और प्रदूषण रहित रखा जा सकता है। केवल सरकार ही नहीं, जनता का सहयोग भी पर्यावरण संरक्षण को बनाए रखने में अपेक्षित है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
ट्रंप की वक्र दृष्टि
संपादकीय ‘ट्रंप की वक्र दृष्टि’ में भारतीय प्रतिभाओं की राह रोकने के प्रयासों का उल्लेख किया गया है, जैसे पासपोर्ट रोकना, अभिव्यक्ति पर रोक और वीजा प्रक्रिया बंद करना। यह अनुचित है क्योंकि अमेरिका की शक्ति और धन का श्रेय भारतीय प्रतिभाओं को जाता है। अमेरिका को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए, अन्यथा भारतीय प्रतिभाएं और भी अधिक प्रतिभाशाली बनकर उभरेंगी।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
प्रशासन की विफलता
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ के दौरान हुई 11 लोगों की मौत की खबर हृदय-विदारक है। भगदड़ कहीं भी हो, हर स्थान पर पुलिस और प्रशासन की विफलता स्पष्ट दिखाई देती है। लोगों को भी चाहिए कि वे बिना आवश्यक कारण के भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और स्वयं को सुरक्षित रखें।
डी.वी. अरोड़ा, फरीदाबाद
दुखद हादसा
आईपीएल में बेंगलुरु की जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ बेहद दुखद और चिंतनीय है। 35 हजार की क्षमता वाले स्टेडियम में लाखों की भीड़ जुटना प्रशासनिक चूक दर्शाता है। कि्रकेट प्रेमियों के जुनून के बावजूद भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं हुए। इस हादसे ने जीत की खुशी को गहरे दुख में बदल दिया।
दत्तप्रसाद शिरोडकर, मुंबई