पाठकों के पत्र
गर्व की बात
चार जून के दैनिक ट्रिब्यून में संपादकीय ‘जीवन बदले साक्षरता’ में लेखक ने साक्षरता की हमारी जिंदगी में महत्ता और देश में साक्षरता के आंकड़ों को बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया है। हमारे देश के 81 प्रतिशत लोगों का साक्षर होना गर्व की बात है। किसी भी देश के नागरिकों का साक्षर होना न केवल उनके रोज़गार और जीवनयापन के लिए आवश्यक है, बल्कि यह व्यापक दृष्टिकोण विकसित कर उन्हें सामाजिक कुरीतियों, रूढ़िवादिता, पाबंदियों, भेदभाव, अन्याय, अंधविश्वास और संकीर्ण मानसिकता से भी मुक्ति दिलाता है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
राजनीति न हो
चार जून के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव ने लिखा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर वोट की राजनीति नहीं होनी चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, जिसका श्रेय सेना और सरकार को जाता है। लेकिन इस सैन्य सफलता का चुनावी लाभ उठाना उचित नहीं। प्रधानमंत्री मोदी और उनके समर्थकों द्वारा भावनात्मक नारों व रोड शो से इसे भुनाना भारतीय परंपरा व राजनीति के विरुद्ध है। ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
पेड़ बचाएं
पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता फैलाना है। इस दिन विशेष स्वच्छता एवं पौधारोपण अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन केवल अभियान काफी नहीं, बल्कि निरंतर और गंभीर प्रयास जरूरी हैं। अधिक से अधिक पौधे लगाना और उनकी उचित देखभाल व रक्षा करना अत्यंत आवश्यक है। जापान की दाईसुगी तकनीक अपनाकर पेड़ों को बचाया जा सकता है, जिससे टिकाऊ और संतुलित वानिकी संभव हो पाती है। हर देश को पर्यावरण के लिए गंभीर, प्रतिबद्ध और सक्रिय होना चाहिए, तभी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जा सकेगा।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर