पाठकों के पत्र
तम्बाकू उन्मूलन जरूरी
हाल ही में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया है। दरअसल, दुनियाभर में तम्बाकू सेवन से हर साल लगभग 80 लाख और भारत में 13.35 लाख लोगों की मौत होती है। देश की युवापीढ़ी इस नशे की दलदल में धंसती जा रही है। आज अपराध की जड़ में नशा है। इसलिए तम्बाकू उन्मूलन के लिए खासकर युवाओं को जागरूक करना आवश्यक है। इसके दुष्प्रभावों से अवगत कराना चाहिए। साथ ही समाज को भी इसके खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
मुकेश विग, सोलन, हि.प्र.
चुनावी तैयारी पर असर
बिहार में वर्ष के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन राष्ट्रीय जनता दल की पारिवारिक कलह ने उसकी छवि को प्रभावित किया है। लालू प्रसाद यादव ने अपने पुत्र तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार दोनों से निकालने की घोषणा की है। इससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है। सांसद सुधाकर सिंह ने तेज प्रताप का समर्थन किया है। अब आरजेडी भाजपा और जेडीयू से कैसे मुकाबला करेगी, यह देखना होगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
परिवार और नैतिक संकट
दो जून के दैनिक ट्रिब्यून में संपादकीय 'पढ़ने की उम्र में जुर्म' बच्चों की मानसिक स्थिति पर सटीक टिप्पणी है। किशोरों में बढ़ती हिंसा समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यह पारिवारिक, सामाजिक और तकनीकी विफलताओं का परिणाम है। अभिभावकों की लापरवाही, हिंसक कंटेंट और नैतिक शिक्षा की कमी बच्चों को भटका रही है। ज़रूरी है कि घर और स्कूल भावनात्मक संतुलन व नैतिकता की शिक्षा पर ज़ोर दें।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
दुखद हैं बढ़ते हादसे
बीते रविवार हिमाचल में सड़क हादसों में 10 लोगों की जान गई। देश में हर साल बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लाखों लोगों की मौत होती है। यह समस्या आतंकवाद से भी बड़ी है। ट्रैफिक नियमों का पालन, सावधानी और सड़क सुरक्षा शिक्षा ही इसका समाधान है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर