पाठकों के पत्र
जनता का भरोसा बढ़ेगा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा की बैठक का पहलगाम में आयोजन साहसिक कदम है, जो लोकतंत्र की मजबूती और आतंकवाद को चुनौती का प्रतीक है। यह पहल कश्मीर में स्थिरता व जनता के भरोसे को बढ़ाती है। पर्यटन, उद्योग और स्थानीय सहयोग से क्षेत्र का विकास संभव है। यदि पर्यटकों को पूर्ण सुरक्षा और आत्मीय व्यवहार मिले, तो कश्मीर फिर से देश-विदेश के सैलानियों का पसंदीदा गंतव्य बन सकता है।
विभूति बुपक्या, खाचरौद, म.प्र.
सराहनीय कदम
दिल्ली के सभी 11 जिलों में मिनी सचिवालय स्थापित करने की मुख्यमंत्री की घोषणा सराहनीय है। इससे स्थानीय समस्याओं जैसे सीवर, जल निकासी, ट्रैफिक, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य आदि का समाधान एक ही स्थान से संभव होगा। प्रत्येक सचिवालय में एक आईएएस अधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए। इससे दिल्ली को ग्रीन और प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
सामूहिक त्रासदी
पंचकूला में एक परिवार की सामूहिक आत्महत्या ने समाज और व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर किया है। कर्ज के बोझ और मानसिक तनाव ने एक व्यक्ति को इतना विवश कर दिया कि उसने पूरे परिवार को मौत की ओर धकेल दिया। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक सहयोग और सामाजिक समर्थन की तत्काल आवश्यकता का स्पष्ट संकेत है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
पाक का फर्जी उत्सव
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी पाकिस्तान के हुक्मरानों का जश्न मनाना दर्शाता है— ‘अक्ल बिन मौजां ही मौजां!’ भारत ने संयम दिखाते हुए युद्धविराम कर उन्हें राहत का अवसर दिया। पाक को भारत का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसने विजय के बावजूद शांति का रास्ता चुना।
डी.वी. अरोड़ा, फरीदाबाद