पाठकों के पत्र
शर्मनाक टिप्पणी
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी ने राष्ट्र सेवा में अनुकरणीय साहस दिखाया। ऐसे समय में मध्य प्रदेश के एक मंत्री द्वारा कर्नल कुरैशी पर की गई टिप्पणी बेहद निंदनीय है। यह न सिर्फ उनके हौसले को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि पूरे देश की बेटियों के आत्मविश्वास पर आघात है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती सराहनीय है। ऐसे नेताओं को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
सृजन से बदलाव
अठारह मई के दैनिक ट्रिब्यून के रविरंग पृष्ठ पर प्रकाशित ‘जिंदगी बदलती कहानियां’ लेख आशा, जनकल्याण और उद्देश्यपूर्ण जीवन का संदेश देता है। यह लेख न केवल पाठकों को आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करता है, बल्कि शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों को भी रेखांकित करता है। ग्रामीण बच्चों की शिक्षा, रक्तदान और कोविड काल की सेवाएं सच्ची मानवता का प्रतीक हैं। लेख प्रेरणादायक, जागरूकता लाने वाला और अत्यंत प्रभावशाली है।
डॉ. मधुसूदन शर्मा, रुड़की
दुर्भाग्यपूर्ण विवाद
ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय समर्थन सरकार की परिपक्व कूटनीति और राष्ट्रीय एकता का संकेत है। ऐसे समय में शशि थरूर को लेकर कांग्रेस में उठा विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है। आपत्ति को आपसी संवाद से सुलझाना चाहिए था। इस तरह की असहमति से पार्टी की अंदरूनी खींचतान उजागर होती है। राष्ट्रीय हित दलगत राजनीति से ऊपर है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
देशद्रोह बर्दाश्त नहीं
हिसार की यूट्यूबर के पाकिस्तान से जुड़े होने और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की खबर चिंताजनक है। जब पड़ोसी देश लगातार आतंक फैला रहा है, तब अपने ही नागरिक का जासूसी करना घोर देशद्रोह है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि राष्ट्र की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ न कर सके।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली