पाठकों के पत्र
सतर्कता जरूरी
पंद्रह मई के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘चीन के मंसूबे’ में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों के नाम बदलना उसकी साम्राज्यवादी मानसिकता को दर्शाता है। यह कदम हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान को भारत से हुए नुकसान के बाद उसे समर्थन देने की मंशा से उठाया गया है। चीन-पाकिस्तान दोनों भारत विरोधी हैं और एक-दूसरे की मदद करते रहते हैं। अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। चीन व्यापार में लाभ उठाकर भी भारत को कमजोर बनाए रखना चाहता है। हमें चीन से सतर्क रहना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
भावनात्मक संबल
सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित होते ही कुछ विद्यार्थियों में जश्न की लहर होगी और कुछ हताश भी हुए होंगे। यहां पर माता-पिता को बच्चों को भावनात्मक और मानसिक सहयोग दें उन्हें यह समझाना चाहिए कि किसी परीक्षा में अच्छा स्कोर ही सब कुछ नहीं होता। बच्चों की भावनात्मक और मानसिक स्थिति समझ उनके पसंद के करिअर विकल्प में आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
मां-शिशु रक्षा
मध्य प्रदेश में शिशु व मातृ मृत्यु दर की स्थिति गंभीर है। वर्षों से योजनाएं चल रही हैं, पर ज़मीनी क्रियान्वयन कमजोर है। आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को सशक्त किए बिना सुधार संभव नहीं। अब ‘मॉडल गांव’ बनाकर हर मां व नवजात को पोषण, जांच व आपात सेवाएं देना जरूरी है। शब्द नहीं, संकल्प और परिणाम चाहिए—जीवन की प्राथमिकता के साथ।
आरके जैन, बड़वानी, म.प्र.
मजबूत बंकर बनें
एक बात तो स्पष्ट है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान की गोलाबारी से हमारे नागरिकों को भारी नुकसान होता है। ऐसे में केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के सहयोग से इन क्षेत्रों में इस्राइल की तर्ज पर मजबूत बंकर बनवाने चाहिए, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
मनमोहन राजावत, शाजापुर