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पाठकों के पत्र

04:00 AM May 16, 2025 IST
पाठकों के पत्र
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विराम नहीं, चेतावनी
भारत के मारक हमलों के सामने असहाय पाकिस्तान ने अमेरिका, सऊदी अरब और चीन के समक्ष सीज़फायर की गुहार लगाई, जिस पर भारत ने भी सशर्त सहमति दी। किंतु कश्मीर मामले में ट्रंप की मध्यस्थता को भारत ने स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया, जिसका उल्लेख ‘गोली चली तो गोला’ जैसे बयानों में देखा जा सकता है। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि भारत के सामने पाकिस्तान बेहद कमजोर साबित हुआ है। भारत अब शांति की पहल भी अपने ही शर्तों पर करेगा। इसी संदर्भ में यह कहना उचित है कि युद्ध स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन

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चीन-पाक को सबक
चौदह मई के दैनिक ट्रिब्यून में‌ डॉ. जयंतीलाल भंडारी के लेख के अनुसार, पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर कड़ा संदेश दिया। चीन द्वारा पाकिस्तान को हथियार देने पर चिंता जताई गई है। भारत-चीन व्यापार घाटा बहुत बड़ा है। चीन को सबक सिखाने के लिए भारत को आयात नियंत्रण, भारी टैक्स और कोटा प्रणाली लागू कर सस्ते विकल्प अन्य देशों से मंगाने चाहिए। यही चीन और पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

अनवरत चुनौती
चौदह मई के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित संपादकीय ‘आदमपुर का संदेश’ पढ़ने के बाद, उसी के नीचे छपा 40 वर्ष पुराना समाचार ‘उग्रवाद से सख्ती से निपटा जाएगा’ पढ़कर मन विचलित हो गया। बीते चार दशकों में राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अनगिनत परिवर्तन आए हैं, किंतु हमारे देश से आतंकवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा। पता नहीं, आतंकवाद रूपी इस दैत्य से भारत कब मुक्त होगा?
डीवी अरोड़ा, फरीदाबाद

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