पाठकों के पत्र
सख्त संदेश
तेरह मई के दैनिक ट्रिब्यून में संपादकीय 'पाक को दो टूक' पाक को कड़ी फटकार लगाने वाला है। प्रधानमंत्री का संबोधन शांति का संदेश था। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बावजूद भारत ने संयम दिखाया और वार्ता का प्रस्ताव देकर स्पष्ट किया कि यह युग युद्ध या आतंकवाद का नहीं है। भारत ने आतंकवाद व पीओके पर चर्चा की शर्त रखी। वैश्विक स्तर पर अमेरिका-चीन टकराव में विराम और रूस-यूक्रेन सुलह से भारत की अर्थव्यवस्था को बल मिला है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
फसलों पर खतरा
तेरह मई के दैनिक ट्रिब्यून में मुकुल व्यास का लेख ‘फसलों की विविधता को कम करेगी बढ़ती गर्मी’ ग्लोबल वार्मिंग तथा मौसम में परिवर्तन के फलस्वरूप फसलों की विविधता तथा मात्रा पर विपरीत असर की चेतावनी देने वाला था। तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर प्रमुख फसलें एक-तिहाई और 3 डिग्री सेल्सियस से अधिक पर तीन-चौथाई तक कम हो सकती हैं। इससे खाद्य सुरक्षा और कीमतें प्रभावित होंगी।
शामलाल कौशल, रोहतक
आत्मघाती अंधविश्वास
डिजिटल युग में भी समाज अंधविश्वास की जकड़ में है। फरीदाबाद में एक महिला ने तांत्रिक के कहने पर अपने बेटे को नहर में फेंक दिया। ऐसे ढोंगी तांत्रिक न केवल पैसा लूटते हैं, बल्कि अपराध भी करते हैं। सरकार को इन पर कड़ी कार्रवाई कर समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
आयुर्वेद उत्थान
मोदी सरकार द्वारा 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस घोषित करना सराहनीय कदम है। यह समग्र चिकित्सा प्रणाली सस्ती, प्रभावी और साइड इफेक्ट रहित है। पहले यह दिवस धनतेरस को मनाया जाता था, पर अब नई तारीख अधिक उपयुक्त मानी गई। सरकार और आयुष मंत्रालय से अपेक्षा है कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर जनजागरूकता बढ़ाई जाए।
युगल किशोर शर्मा, फरीदाबाद