पाठकों के पत्र
आत्मनिर्भर विदेश नीति
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है, खासकर आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर। हाल ही में, भारत को पीओके पर नियंत्रण पाने का अवसर मिला था, जो आतंकवादियों के भारत में घुसपैठ का प्रमुख मार्ग था। भारत की सैन्य शक्ति किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है, और ऐसी कार्रवाई से पाकिस्तान की सामरिक शक्ति कमजोर हो सकती थी। भारत को अपनी विदेश नीति आत्मनिर्भर और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए बनानी चाहिए।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
चीन की चालें
भारत-चीन संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं, जिनमें पाकिस्तान की भूमिका तनाव बढ़ाने वाली रही है। चीन, पाकिस्तान का उपयोग रणनीतिक हितों के लिए करता है, विशेषकर सीपेक परियोजना के माध्यम से। चीन की नीतियां स्वार्थपरक हैं और वह स्थायी मित्र नहीं हो सकता। भारत को सजग रहकर कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर ठोस जवाब देना होगा।
सुभाष बुड़ावन वाला, रतलाम, म.प्र.
आत्मीय रिश्ते
महाश्वेता देवी की कहानी 'विवाह की वर्षगांठ' ने दिल को छुआ। सीमित आय और महंगाई में जीवन बिताते हुए, पति-पत्नी के आपसी तालमेल का सुंदर चित्रण किया गया है। सुनयनी की आंखों से बहते आंसू उनकी स्थिति को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हैं। संतान का उपेक्षित रवैया और बदलते पारंपरिक मूल्य भी ध्यान आकर्षित करते हैं।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
कठोर प्रहार
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंक पर कठोर प्रहार किया है। पहली बार भारत ने उसके आतंकी ठिकानों और एयरबेस पर सीधा प्रहार कर निर्णायक शक्ति का प्रदर्शन किया। अब भारत डरने वाला नहीं, जवाब देने वाला राष्ट्र है। यह नया भारत है—साहसी, निर्णायक और अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूर्णतः सक्षम।
सतप्रकाश सनोठिया, रोहिणी, दिल्ली