पाठकों के पत्र
भारत की छवि मजबूत
आठ मई के दैनिक ट्रिब्यून के सम्पादकीय पृष्ठ पर डॉ. जगदीप सिंह के लेख के अनुसार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की वैश्विक शक्ति की छवि को मजबूत करेगा। भारत इसे आत्मरक्षा और आतंकवाद विरोधी कदम बताएगा, जबकि पाकिस्तान इसे अपनी सम्प्रभुता का उल्लंघन कहेगा। संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यों के विरोधाभासी हितों के कारण कोई ठोस प्रस्ताव संभव नहीं। सार्क कमजोर होगा और आईएमएफ ऋण की समीक्षा से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। हवाई क्षेत्र बंद होने से पाक एयरलाइंस को नुकसान हो रहा है। भारत को प्रभावी कूटनीति की आवश्यकता होगी।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी
दीर्घकालिक हित देखें
सात मई के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘युद्ध के कगार पर’ में सही मुद्दे उठाए हैं। आम धारणा है कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है और आपसी बातचीत से समस्या को सुलझाना दोनों देशों के हित में है। लेकिन राष्ट्रीय अस्मिता से कोई समझौता नहीं हो सकता। इस में कोई शक नहीं कि 22 अप्रैल को जो कुछ पहलगाम में हुआ, उस से पूरा देश आहत है, किंतु पूर्ण युद्ध होने की स्थिति में मंजर दोनों मुल्कों के हित में नहीं होगा। संक्षिप्त भारतीय कार्रवाई के बाद दोनों देशों को मिल-बैठकर समस्या का निराकरण करना चाहिए।
डीवी अरोड़ा, फरीदाबाद
मुंह तोड़ जवाब
नौ मई के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर ‘भारत का सुरक्षा कवच भेदने में विफल पाक पर मिसाइल वर्षा, पायलट काबू’ पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाक आतंकी ठिकानों पर हमला कर मुंह तोड़ जवाब दिया है। पाकिस्तान ने भी जम्मू कश्मीर के कई ठिकानों पर गोली-बारी से नुकसान पहुंचाया है। भारत के कई भागों पर ड्रोन हमलों को भारतीय सुरक्षा कवच ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी आवाम भी सरकार की खिलाफत कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी देश पाक के पक्ष में नहीं है। सभी देशों ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराया है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल