पाठकों के पत्र
पहलगाम त्रासदी
चौबीस अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय में पहलगाम के बैसरन में पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन आरटीएफ द्वारा मासूम पर्यटकों की हत्या का उल्लेख किया गया है। यह घटना 2018 मुंबई हिंसा और 2019 की पुलवामा त्रासदी की याद दिलाती है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख मुनीर खां द्वारा कश्मीर को ‘गले की नस’ कहे जाने के बाद, यह हादसा हुआ। भारत ने कूटनीतिक जवाब दिया है और सेना को तैयार रहने का आदेश दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान पर इस्राइल की तरह हमला करने की सलाह दी है, लेकिन क्या पाकिस्तान सुधरेगा, यह सवाल बना हुआ है।
शामलाल कौशल, रोहतक
नशे के खिलाफ मुहिम
पंजाब सरकार और डीजीपी ने आदेश दिया है कि 31 मई तक सभी पुलिस कमिश्नर और एसएसपी अपने अपने जिलों में नशा समाप्त करें। नशा बेचने वाले पकड़े जाएं और 31 मई के बाद अगर किसी के भी इलाके से कोई नशा बरामद हुआ या नशा बेचने वाला पकड़ा गया तो उस जिले की पुलिस को ही उसके लिए जिम्मेवार माना जाएगा। भगवंत मान से अपील है कि वे नशे के विरुद्ध युद्ध का जो अभियान चला रहे हैं वह पंजाब के हित में है, पर केवल संख्या पूरी न की जाए। नशे की बड़ी-बड़ी मछलियों को भी काबू किया जाए।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर
महत्वपूर्ण कदम
आखिरकार देश की राजधानी दिल्ली में बुजुर्गों के लिए आयुष्मान योजना लागू कर दी गई है, जिसका श्रेय केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को जाता है। पहले यह योजना केवल कुछ राज्यों में लागू थी, लेकिन दिल्ली का निजाम बदलते ही बुजुर्गों को यह सुविधा मिली। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। दिल्ली सरकार से अपेक्षाएं हैं कि इसके लिए निगरानी तंत्र बने, ताकि निजी अस्पतालों की मनमानी रोकी जा सके और बुजुर्गों को आसानी से इलाज मिल सके।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली