पाठकों के पत्र
04:00 AM Apr 19, 2025 IST
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समान न्याय की अपेक्षा
देश में न्यायपालिका का कार्य निष्पक्षता और सच्चाई के आधार पर न्याय देना है। एक न्यायाधीश से अपेक्षा होती है कि वह बिना किसी भेदभाव के पीड़ित को न्याय दिलाए। लेकिन जब किसी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगते हैं और उसके विरुद्ध कार्रवाई में देर होती है, तो आम जनता के मन में सवाल उठते हैं। हाल ही में एक न्यायाधीश के घर से जले हुए नोट मिलने की खबर चिंताजनक रही, जिसको लेकर स्पष्ट कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और शीघ्र कार्रवाई आवश्यक है ताकि आम जनता का न्याय प्रणाली पर विश्वास बना रहे। यह संदेश भी जाए कि देश में सभी के लिए एक समान कानून है।
सतपाल, कुरुक्षेत्र
उपेक्षित बुजुर्ग
संपादकीय ‘बेहाल बुजुर्ग’ में उल्लेख है कि देश के विभिन्न भागों में बुजुर्ग एकाकी जीवन जी रहे हैं, क्योंकि युवा रोजगार की तलाश में विदेश या अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं। लाखों घर ताले लगे पड़े हैं। ऐसी संतान का क्या लाभ जो माता-पिता की चिंता छोड़ केवल अपने करिअर और पैसे के पीछे भागे? 2050 तक देश में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्गों की संख्या 34.7 फीसदी होगी। शिक्षा तो बढ़ी है, पर संस्कारों की कमी से बुजुर्ग उपेक्षित हो रहे हैं।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
नशे का समुद्र
नशा अब हर आयु वर्ग में फैलता जा रहा है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। अरब सागर मादक पदार्थों का प्रमुख प्रवेश द्वार बन गया है। गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से बड़े पैमाने पर नशे की खेप पकड़ी गई है, पर तस्कर बच निकलते हैं। वाणिज्यिक जहाजों के जरिए तस्करी की संभावना बढ़ी है। हाल ही में 1,800 करोड़ का नशा समुद्र में फेंका गया, जो तस्करों की सक्रियता दर्शाता है। तंत्र को खत्म कर सख्त कानून से माफिया को संदेश देना होगा।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
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