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पाठकों के पत्र

04:00 AM Apr 04, 2025 IST
पाठकों के पत्र
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भाषा विवाद अनुचित
देश में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव तथा असहमति बढ़ाने वाले कुछ लोग अब भाषा को एक हथियार बना रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में मराठी न बोलने पर एक मॉल के कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटना सामने आई। भारत विविधताओं का देश है, जहां विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं और प्रत्येक नागरिक को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। किसी पर अपनी भाषा थोपना असंवैधानिक है। ऐसे विभाजनकारी तत्वों के खिलाफ सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि देश की एकता बनी रहे।
शिवेन्द्र यादव, कुशीनगर

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संन्यास के सवाल
हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री एवं अर्जुन अवार्ड विजेता वंदना कटारिया ने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेकर सबको चौंका दिया है। वंदना ने 15 वर्षों के करिअर में 320 प्रतिस्पर्धाओं में 158 गोल किए। टोक्यो ओलंपिक 2020 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक लगाकर भारत को शानदार जीत दिलाई थी। वह अंतरराष्ट्रीय हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली और एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। हालांकि, मात्र 32 वर्ष की आयु में उनका संन्यास निश्चित रूप से पुनर्विचार योग्य है। खेल मंत्रालय और हॉकी इंडिया को इस संदर्भ में विचार करना चाहिए।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

सोने में वृद्धि
सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, और अनुमान है कि भविष्य में यह एक लाख प्रति ग्राम तक पहुंच सकती है। कुछ लोग इसकी कीमतों को लेकर हाय तौबा कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या इसके बिना आपकी रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी नहीं हो सकतीं? अगर हम सोने का प्रयोग समारोहों में नहीं करेंगे, तो क्या विवाह या अन्य आयोजन नहीं होंगे? जापान में महंगी चीज़ों का इस्तेमाल लोग छोड़ देते हैं, जिससे उनकी कीमतें घट जाती हैं। हमारे देश में लोग महंगे सामान को दिखावे के लिए खरीदते हैं, जो सही नहीं है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

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