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पाठकों के पत्र

04:00 AM Apr 02, 2025 IST
पाठकों के पत्र
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वक्फ बिल पर राजनीति
केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए जाने वाले वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बिहार में सत्तारूढ़ दलों के लिए यह अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। विपक्ष ने पटना के गांधी मैदान में इस बिल के विरोध में बड़ी रैली आयोजित की और ईद के अवसर पर मुस्लिम समुदाय ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। जनता दल (यू) के विधायक गौस मोहम्मद ने लालू यादव से मुलाकात की, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या पार्टी में विरोध बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक इस बिल पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। 2 अप्रैल को यह बिल संसद में पेश होने की संभावना है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

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प्राइवेट सेक्टर को पेंशन
सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूपीएस शुरू की है, जिससे सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारियों को उनकी बेसिक वेतन का लगभग 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी, लेकिन इसके लिए उन्हें 25 साल तक सेवा करनी होगी। हालांकि, कुछ लोग पुरानी पेंशन योजना को बेहतर मानते हैं। सरकार को प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी पेंशन योजना लागू करनी चाहिए, क्योंकि देश में अधिकतर लोग प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत हैं।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

बूंद-बूंद में जीवन
जल संरक्षण अब केवल एक पाठ नहीं, बल्कि जीवन बचाने की जंग है। जल संकट कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बन चुका है। ‘बूंद-बूंद में जीवन बसता है’—यह कोई कहावत नहीं, बल्कि हमारा अस्तित्व है। प्रकृति ने हमें यह अनमोल उपहार दिया, पर हम इसकी कीमत नहीं समझ रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में जल संरक्षण पर जोर दिया, जो महज शब्द नहीं, बल्कि चेतावनी है। मौसम के बदलते मिजाज के चलते पानी मिलना एक चुनौती बनता जायेगा। वैसे सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन यह तभी सफल होगा जब हर नागरिक जिम्मेदारी ले।
आरके जैन, बड़वानी, म.प्र.

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