पाठकों के पत्र
हाइड्रोजन क्रांति से आत्मनिर्भरता
भारत ने स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पराली से मिथेन और फिर हाइड्रोजन बनाकर वाहनों को संचालित किया जाएगा। यह क्रांतिकारी तकनीक न केवल प्रदूषण कम करेगी, बल्कि 22 लाख करोड़ रुपये के ईंधन आयात की निर्भरता भी घटाएगी। हाइड्रोजन वाहनों का परीक्षण शुरू हो चुका है, और अगले 24 महीनों में दिल्ली-मुंबई सहित कई शहरों में इन्हें उतारा जाएगा। यह पहल किसानों को पराली जलाने की समस्या से मुक्ति दिलाकर भारत को ऊर्जा महाशक्ति बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
आरके जैन, बड़वानी, म.प्र
नशे पर नश्तर
तीन मार्च के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय 'नशे के खिलाफ युद्ध' में पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा नशे के खिलाफ शुरू किए गए अभियान का स्वागत किया गया है। सरकार का दावा है कि तीन महीने में समस्या हल कर दी जाएगी, लेकिन यह अभियान केवल नशे का सेवन करने वालों तक सीमित है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए माफिया, भ्रष्ट अधिकारी और पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई, साथ ही नवयुवकों को रोजगार देना जरूरी है। फिर भी सरकार के प्रयास सराहनीय हैं।
शामलाल कौशल, रोहतक
बदहाल शिक्षा
दैनिक ट्रिब्यून के 5 मार्च के संपादकीय लेख 'बदहाली की शिक्षा’ में हरियाणा के सरकारी स्कूलों की गंभीर स्थिति पर प्रकाश डाला गया है। 487 प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं, और 294 स्कूलों में कोई छात्र नामांकित नहीं है। समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों की अधिकता वाले इन स्कूलों में अभिभावकों की भी सीमित भूमिका होती है। शिक्षकों की जवाबदेही और शिक्षा विभाग की व्यवस्थागत सुधार की आवश्यकता है।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़