पाठकों के पत्र
शांति की उम्मीद
रूस-यूक्रेन युद्ध तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, लेकिन हाल ही की कूटनीतिक पहल शांति की उम्मीद जगा रही है। अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने परस्पर वार्ता को गति दी है। यूरोपीय आयोग व आईएमएफ ने यूक्रेन को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र ने रूस से सेना हटाने को कहा है, जबकि चीन ने कूटनीतिक समाधान का समर्थन किया। भारत भी शांति प्रयासों में सक्रिय है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘यह युद्ध का युग नहीं’ कहा और संतुलित कूटनीति अपनाई। यदि ये प्रयास सफल होते हैं, तो यह वैश्विक शांति की ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
आरके जैन, बड़वानी, म.प्र.
कुछ वक्त मिले
दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के बाद विधानसभा के पहले सत्र में हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनी है। विपक्षी नेता आतिशी सिंह ने भाजपा पर अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर हटाने का आरोप लगाया, जिससे भाजपा को अंबेडकर और सिख विरोधी करार दिया गया। इसके बाद, आम आदमी पार्टी के 22 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित किया गया। इस राजनीति के बीच, नयी बनी दिल्ली सरकार को 6 महीने का समय मिलना चाहिए ताकि वो जनता की समस्याओं के समाधान पर योजना बना सके।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
नैतिक शिक्षा जरूरी
हमारी सभ्यता और संस्कृति हमें नैतिकता की शिक्षा देती है, लेकिन कुछ लोग इसे नकारते हुए अपने बच्चों को यह मूल्य नहीं सिखा रहे। प्रयागराज महाकुंभ स्नान के दौरान कुछ युवाओं ने महिलाओं का वीडियो बनाकर उसे बेचने की घटिया हरकत की, जो शर्मनाक है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और तकनीक के दुरुपयोग पर रोक लगानी चाहिए। इंटरनेट का गलत उपयोग बच्चों और युवाओं को पथभ्रष्ट कर रहा है, इसलिए इसे नियंत्रित किया जाना चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर