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पाठकों के पत्र

04:00 AM Feb 20, 2025 IST
पाठकों के पत्र
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आप की चुनौती
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद, अरविंद केजरीवाल को यह अहसास हुआ कि जनता को झांसा देना आसान नहीं है। आप की हार के कारणों में घोटाले, नेताओं का बड़बोलापन और आंतरिक कलह शामिल हैं। अब केजरीवाल पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बीजेपी और अकाली दल से चुनौती का सामना करेंगे। पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की योजना है, लेकिन केजरीवाल को अपनी रणनीति में बदलाव कर पंजाब की जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
विभूति बुपक्या, खाचरौद, म.प्र.
तंत्र की नाकामी
अठारह फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘तंत्र की नाकामी’ का विश्लेषण करने वाला था। नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज कुंभ मेला जाने वाली यात्रियों की भगदड़ में डेढ़ दर्जन लोगों की मौत और कई घायल हुए। हादसा प्लेटफार्मों पर एक ही नाम की दो गाड़ियों के आने के कारण रेलवे प्रशासन की लापरवाही, भीड़ नियंत्रण में असफलता और यात्रियों की जल्दबाजी से हुआ। देखा जाए तो दिल्ली सहित अन्य रेलवे स्टेशनों में तीर्थयात्रियों की भीड़ को देखते हुए टिकटों के वितरण और नई ट्रेनों के संचालन को लेकर जिस संवेदनशील प्रशासन की जरूरत होती है, वह नजर नहीं आती है। इस घटना की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
अमर्यादित बयानबाजी
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए कुछ राजनेता राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने तो गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी मिटने की बात कहकर हिंदू और अन्य धर्मों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। लालू यादव ने कुंभ को फालतू कहा और ममता बनर्जी ने इसे ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया। इन नेताओं को सोचना चाहिए कि उन्होंने पावन महाकुंभ के बारे में जो बयान दिए, क्या वे सही थे? यदि वे आयोजन में मदद नहीं कर सकते, तो कम से कम गलत बयानबाजी न करें।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
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