पाठकों के पत्र
सुरक्षा उपायों की कमी
फतेहाबाद जिले में हाल ही में भाखड़ा नहर के पुल पर हुआ एक सड़क हादसा सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे को सामने लाया है। एक कार के नहर में गिरने से 12 लोगों की जान चली गई। यह हादसा इसलिए हुआ क्योंकि पुल पर न तो कोई रेलिंग थी, न ही कोई रिफ्लेक्टर या चेतावनी संकेत। हालांकि जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न उठे लेकिन इससे जुड़े ठोस सवाल अब भी बाकी हैं। तो कब जिम्मेदारी तय होगी? कब तक लोग ऐसी घटनाओं का शिकार होते रहेंगे? सिर्फ मुआवजा देने से जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं होता। सरकार प्रभावी कानून बनाये, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सुनील सहारण, फतेहाबाद
भटके हुए किशोर
चंडीगढ़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में किशोरों में आपराधिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। चाहे इसके पीछे कोई रंजिश हो, पैसा वसूली हो या कुछ और कारण, यह बात गौरतलब है कि आज के कुछ किशोर और युवा ग़लत तरफ चल पड़े हैं। यह खासकर उनके माता-पिता द्वारा नैतिक मूल्यों के ज्ञान की कमी, सही मार्गदर्शन और शिक्षा की कमी की वजह से है। अगर इसी तरह से युवा आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहेंगे तो न केवल उनका भविष्य खतरे में है बल्कि देश और समाज के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
अवसर या चुनौती
केंद्रीय बजट के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई, जिससे निवेशकों में अस्थिरता फैल गई। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और कमजोर मुद्रा ने स्थिति को और गंभीर किया। बजट में बुनियादी ढांचे के निवेश की कमी ने उम्मीदों को झटका दिया, और यह गिरावट वैश्विक बाजारों को भी प्रभावित करने वाली थी। हालांकि, भारत की मजबूत आर्थिक नींव और संभावित सुधार दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अवसर प्रदान कर सकते हैं।
आर.के. जैन, बड़वानी, म.प्र.