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पाकिस्तानी क्रिप्टो करेंसी के ज़रिये टेरर फंडिंग

04:00 AM Jun 07, 2025 IST
पाकिस्तानी क्रिप्टो करेंसी के ज़रिये टेरर फंडिंग
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पाकिस्तान क्रिप्टो करेंसी के ज़रिये टेरर फंडिंग को वैध रूप देगा, यह सबसे बड़ी चुनौती के रूप में दुनिया के सामने आने वाली है। यह कहावत चिरस्थायी है, ‘पाकिस्तान अल्लाह, आर्मी और अमेरिका के भरोसे चल रहा है!’

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पुष्परंजन

एक बिटकॉइन को माइन करने के लिए कितनी बिजली की ज़रूरत होगी? औसतन, 1 बीटीसी को माइन करने में लगभग 6,400,000 किलोवाट-घंटे बिजली की खपत होती है। यह बिजली की खपत दूसरी, तीसरी, चौथी बिटकॉइन माइनिंग में बढ़ती चली जाती है। गुज़िश्ता साल पाकिस्तान 6,247 मेगावाट बिजली की कमी का सामना कर रहा था। देश भर में बिजली की मांग बढ़कर 26,500 मेगावाट हो गई थी, जबकि उत्पादन क्षमता 20,253 मेगावाट है। अब सौर ऊर्जा उत्पादन कर इसका उपाय ढूंढ़ा जा रहा है। भारत द्वारा पानी पर पाबन्दी लगाने की घोषणा से पाकिस्तान, ऊर्जा के मामले में कोढ़ में खाज की हालत से गुजरने लगा है। ऐसे में उसने बिटकॉइन को माइन करने की जो नई ज़िम्मेदारी ली है, उससे पूरी दुनिया हैरान है। पाकिस्तान बिटकॉइन के वास्ते बिजली लाएगा कहां से? यह सबसे बड़ा सवाल है।
पाकिस्तान ने एक राष्ट्रीय क्रिप्टो रिजर्व स्थापित करने की योजना का अनावरण किया है, जिससे यह देश राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में डिजिटल मुद्राओं को अपनाने वाला पहला देश बन गया है। पाकिस्तान ने चीनी मूल के कनाडाई बिज़नेसमैन छांगफेंग चाओ जो, ‘बिनेंस’ कंपनी के संस्थापक और उसके पूर्व सीईओ को पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (पीसीसी) का रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किया है। छांगफेंग चाओ जिन्हें आमतौर पर ‘सीजेड’ के शॉर्ट नेम से जाना जाता है, ने अमेरिका में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद, नवंबर 2023 में सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था। अप्रैल, 2024 में उन्हें चार महीने जेल की सजा सुनाई गई। वो जेल गए, और उसी साल सितंबर तक उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली। अब इस ब्लैक लिस्टेड, आपराधिक छवि वाले शख्स की देखरेख में ट्रंप की बिटकॉइन कंपनी ने पाकिस्तान से समझौता किया है, तो समझिये कि कितना बड़ा खेल इस इलाक़े में होने जा रहा है।
खबर यह भी आई कि ब्रिटिश-पाकिस्तानी उद्यमी और टेक्नोक्रेट बिलाल बिन साकिब के नेतृत्व में पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (पीसीसी) विदेशी बिटकॉइन माइनर्स और एआई डेटा भंडारण केंद्र निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 2,000 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली संयंत्र क्षमता की पेशकश करेगी। ट्रम्प की मोनोपली वाली बिटकॉइन मुद्रा कंपनी ‘वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल इंक’ (डब्ल्यूएलएफआई) ने 26 अप्रैल को पीसीसी के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में अपने ब्रांड का बिटकॉइन लॉन्च करना है।
साकिब, जिन्हें पिछले महीने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, ने 29 मई को बिटकॉइन सम्मेलन में इस पहल की घोषणा की, जिसमें डोनाल्ड ट्रम्प के पुत्र एरिक ट्रम्प और ‘डब्ल्यूएलएफआई’ के सीईओ ज़ाचरी विटकॉफ, अमेरिकी राष्ट्रपति के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ के बेटे शामिल हुए। अपने भाषण में, साकिब ने कहा कि पाकिस्तान ने एक राष्ट्रीय बिटकॉइन वॉलेट स्थापित किया है, यह बिक्री या सट्टेबाजी के लिए नहीं, बल्कि एक संप्रभु रिजर्व के रूप में दीर्घकालिक भरोसा पैदा करेगा।’ पाकिस्तान के वित्तमंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि सरकार ‘भविष्य के लिए तैयार वित्तीय बुनियादी ढांचा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो वित्तीय स्थिरता और नियामक अनुपालन बनाए रखते हुए नवाचार का समर्थन करता है।’
वित्तीय विश्लेषक ‘फिनटेक’ के विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा शुरू किए गए रणनीतिक बिटकॉइन रिजर्व मॉडल को इतनी जल्दी अपनाने वाले पाकिस्तान को सफल होने के वास्ते कई चुनौतियों को पार करना होगा। इनमें प्रतिस्पर्धी कीमतों की पेशकश से लेकर, प्रमुख ऋणदाता ‘आईएमएफ’ की आपत्तियों को दूर करना शामिल है। लेकिन जब ट्रम्प हैं, तो इस बाधादौड़ को पाकिस्तान पार कर ही लेगा। मार्क्वेट यूनिवर्सिटी में वित्त के एसोसिएट प्रोफेसर डेविड क्राउज़, जिन्होंने हाल ही में ‘डब्ल्यूएलएफ’ का एक अध्ययन प्रकाशित किया है, ने कहा, ‘क्रिप्टो माइनिंग के लिए पावर ग्रिड का दबाव झेलना आसान नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी बाजार की अस्थिरता भी एक हाई रिस्क को आमंत्रित करती है। अगर बिटकॉइन के मूल्य में गिरावट आती है या खनन अस्थिर साबित होता है, तो यह रणनीतिक भंडार, भरभरा कर गिर जायेगा।’
लेकिन, ‘बिटकॉइन एसोसिएशन पाकिस्तान’ के पार्टनर, लुकमान खान अधिक आशावादी दिखने लगे। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद दो हज़ार मेगावाट अप्रयुक्त बिजली को रिडाइरेक्ट करके लगभग एक अरब डॉलर वार्षिक राजस्व अर्जित कर सकता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो यह क्षति के नाम पर चोरी का माल है। अब, जब बिटकॉइन वाले खनन करेंगे, यही बिजली रेवेन्यू देने लगेगी।’ लुकमान खान ने कहा कि इस समय 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के 10,000 बिटकॉइन जमा करके, पाकिस्तान ‘भविष्य के मुद्रा झटकों के खिलाफ अपनी बैलेंस शीट को स्थिर कर सकता है, यह ठीक वैसे ही है, जैसे सोने के भंडार। एक दशक में क्रिप्टो अर्थव्यवस्था पाकिस्तान के लगभग 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर के छोटे सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ावा दे सकती है।’
बहरहाल, बिटकॉइन खनन के लिए पाकिस्तान का वर्तमान बिजली उत्पादन शुल्क 7 अमेरिकी सेंट प्रति किलोवाट घंटा है, जो टेक्सास जैसे प्रमुख खनन स्थलों के 1 से 3 अमेरिकी सेंट प्रति किलोवाट घंटा से कहीं अधिक है। कराची स्थित वित्तीय सेवा फर्म केट्रेड के अध्यक्ष अली फरीद ख्वाजा ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल अपनाना पड़ सकता है, जिसमें वह क्रिप्टोकरेंसी खनन ऑपरेटरों के साथ उपक्रमों की पूंजीगत व्यय लागत साझा करेगी।
लेकिन, उससे भी गंभीर सवाल यह है कि बिटकॉइन की आड़ में आतंकवाद का बड़ा खेल पाकिस्तान न करे, इसे ट्रंप प्रशासन कैसे सुनिश्चित कर पायेगा? उदाहरण के लिए, 2019 में, हमास ने एक क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिये डोनेशन अभियान चलाया, एक साल में ज़बरदस्त रूप से हमास के फंड का इज़ाफ़ा हुआ। 2020 में अमेरिका ने हमास की सशस्त्र शाखा, इज़ अल दीन अल क़स्साम ब्रिगेड से जुड़ी कई वेबसाइटों और 150 क्रिप्टोकरेंसी खातों को जब्त कर लिया। 2023 में अमेरिकी प्रवर्तन कार्रवाइयों से पता चला कि क़स्साम ब्रिगेड ने 2019 की शुरुआत से ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की सुविधा के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ‘बिनेंस’ का इस्तेमाल किया। यह वही ‘बिनेंस’ है, जिसके सीईओ छांगफेंग चाओ जेल गए थे।
वर्ष 2021 में, अमेरिकी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्म ‘कॉइनबेस’ ने हमास को क्रिप्टोकरेंसी फंड रेज़िंग में शामिल कई आतंकवादी समूहों में से एक के रूप में पहचाना। अप्रैल, 2023 में क़स्साम ब्रिगेड ने घोषणा की, कि वह बिटकॉइन के ज़रिये दान स्वीकार करना बंद कर देगा। हमास को डर था कि उसके दानदाताओं को निशाना बनाया जा सकता है। पाकिस्तान क्रिप्टो करेंसी के ज़रिये टेरर फंडिंग को वैध रूप देगा, यह सबसे बड़ी चुनौती के रूप में दुनिया के सामने आने वाली है। यह कहावत चिरस्थायी है, ‘पाकिस्तान अल्लाह, आर्मी और अमेरिका के भरोसे चल रहा है!’

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लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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