पक्षियों का रोचक संसार व सफर
डॉ. ओमप्रकाश कादयान
युवा लेखक, यात्राओं में खास रुचि लेने वाले और प्रकृति प्रेमी बलजीत सिंह, वैसे तो कई विधाओं में लिखते हैं, लेकिन उनकी नवप्रकाशित पुस्तक ‘पक्षियों के संसार में’ उनकी यात्राओं और प्रकृति के प्रति लगाव का ही परिणाम है।
लेखक बलजीत सिंह ने ‘केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान’ के आसपास कुछ दिन रहकर यहां आने वाले और रहने वाले पक्षियों को देखा, निहारा, फोटो किए, शोध किया, उनकी एक-एक गतिविधियों पर ध्यान दिया तथा प्रसिद्ध पक्षी-विशेषज्ञ दाऊ दयाल सिंह शर्मा से दुर्लभ जानकारियां जुटाई, फिर पुस्तक का रूप दे दिया।
पुस्तक ‘पक्षियों के संसार में’ प्रवासी व स्थानीय पक्षियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं। कौन-कौन से प्रवासी पक्षी किस-किस देश या क्षेत्र से कितने किलोमीटर का सफर तय करके यहां आते हैं? बहुत से पक्षी अपने घोसले बनाकर प्रजनन कर अपने बच्चे बड़े करते हैं जो बाद में वापस मार्च तक उनके साथ लंबी उड़ान ले जाते हैं। करीब 29 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस पक्षी विहार में करीब 350 प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलते हैं। इन्हीं पक्षियों को देखने के लिए यहां सर्दियों में देश-विदेश से रोजाना हजारों सैलानी, फोटोग्राफर, लेखक, प्रकृति प्रेमी आते हैं।
पुस्तक के अनुसार यहां केवल पक्षी नहीं रहते बल्कि इनमें बहुत सारे जीव-जंतु भी पाए जाते हैं।
यह पुस्तक उन यात्रियों, प्रकृति प्रेमियों, शोधार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है जो इस उद्यान की यात्रा करना चाहते हैं। पूरी पुस्तक में उद्यान से संबंधित करीब 40 चित्र दिए हैं।
पुस्तक : पक्षियों के संसार में लेखक : बलजीत सिंह प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, लाल रोड, जयपुर पृष्ठ : 167 मूल्य : रु. 199.