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नीली छांव में सिमटी वीरता की कहानियां

04:05 AM May 16, 2025 IST
नीली छांव में सिमटी वीरता की कहानियां
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नीली गलियों, शौर्य की दीवारों और राजसी अनुभवों से सजा जोधपुर, सिर्फ शहर नहीं, एक अहसास है—जहां विरासत, संस्कृति और भव्यता एक साथ सांस लेते हैं।

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वीना गौतम
कोई शहर छोटा हो या बड़ा या चाहे कोई कस्बा ही क्यों न हो। हर शहर, हर महानगर और हर कस्बे की अपनी एक निजी पहचान, एक निजी विशेषता होती है, जो हर दूसरी जगह से अलग होती है।
मरुनगरी जोधपुर भारत के नक्शे में एक खास पहचान रखती है। यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से भारत ही नहीं ग्लोबल पर्यटन का भी एक विशिष्ट डेस्टिनेशन है, जहां इस भूमंडलीय दौर में दुनियाभर के अभिजात्य पर्यटक, विरासत, अतिथि और विशिष्ट ब्रांडिंग का अनुभव महसूस करने के लिए आते हैं। जोधपुर भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जिसे मरुनगरी और थार का द्वार जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट एक महत्वपूर्ण रणनीतिक शहर भी है। जोधपुर ऐतिहासिक रूप से राठौर वंश की राजधानी मारवाड़ रियासत का हिस्सा है। इसे राव जोधा ने सन‍् 1459 में स्थापित किया था। यहां स्थित मेहरानगढ़ किला भारत के सबसे विशाल और मजबूत किलों में गिना जाता है। जोधपुर का नाम लेते ही दिलोदिमाग में राजपूती शौर्य, स्वाभिमान और युद्धक परिदृश्य की अनुभूति उभरने लगती है।
जोधपुर दुनिया के उन गिने-चुने शहरों में से एक है जिसकी अपनी विशिष्ट संस्कृति है। पूरे शहर में घरों की जो नीली रंगत है, वह रंगत भी इसे एक अनोखी पहचान देती है और जोधपुर को ब्लू सिटी का तमगा भी प्रदान करती है। सांस्कृतिक दृष्टि से यह शहर बहुत समृद्ध है। यहां का अपना प्रसिद्ध लोकसंगीत है। लोकनृत्यों मंे कालबेलिया और घुमर का नाम पूरी दुनिया जानती है। यहां के ऊंट उत्सव इस शहर को विश्व पर्यटन के नक्शे में विशिष्ट जगह मुहैय्या कराते हैं और यहां की लोगों की रंग-बिरंगी कढ़ाईदार पोशाकें उन्हें भीड़ में अलग करती हैं। जोधपुर की अपनी एक लोकल डायलेक्ट भी है, जिसे मारवाड़ी भाषा कहते हैं और यहां के खानपान में भी दाल-बाटी-चूरमा और मिर्ची बड़ा की तूती पूरे राजस्थान में बजती है।
पर्यटन की दृष्टि से यहां स्थित मेहरानगढ़ किला, उम्मेद भवन पैलेस, जसवंत थड़ा और मंडोर गार्डन यहां आने वाले पर्यटकों की जुबान में रहते हैं। रेगिस्तान सफारी का भी यह सबसे जीवंत अनुभव प्रदान करने वाला शहर है। वहीं जोधपुर का हथकरघा, फर्नीचर और कारीगरी उद्योग भारत के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करता है। जोधपुर पश्चिम भारत का एक ऐसा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर है, जो राजस्थान की ही नहीं समूचे भारत की पहचान को अपने बल पर सशक्त करता है।
दुनियाभर के अमीर और प्रीमियम टूरिस्ट जोधपुर आकर यहां की स्थानीय संस्कृति और शाही अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं। दुनिया के अनेक धनवान सेलिब्रिटी यहां शादी करके दुनिया मंे नाम कमाते हैं। जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस शाही लग्जरी और रॉयल स्टेट्स का वैश्विक सिंबल बन चुका है। विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक ऐसा हेरिटेज कल्चरल सिटी है, जहां दुनिया की सबसे ज्यादा लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध है।
विदेशी पर्यटकों को यह शहर बहुत पसंद है। यही कारण है कि बहुत धनवान विदेशी पर्यटक ही यहां घूमने आते हैं। शादी और प्री-वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में इस शहर में दुनिया के कोने-कोने में अपनी पहचान बनायी है। आज के डिजिटल वर्ल्ड में जोधपुर दुनिया के सबसे फोटोजेनिक और इंस्टाग्राम फ्रेंडली सिटी के रूप में जाना जाता है। यहां की स्वर्ग सरीखी नीली गलियां, विशाल रेगिस्तानी लैंडस्कैप और स्वप्नील महलों की सेटिंग्स इसे दुनिया का सबसे फोटोजेनिक शहर बनाते हैं।
इसलिए ट्रैवल ब्लॉग्स का यह सबसे पसंदीदा शहर है। इसे ये लोग विजुअल ट्रीट का दर्जा देते हैं। शायद इसकी यह डिजिटल विशिष्टता ही है कि जोधपुर में हमेशा अभिजात्य टूरिस्टों की भरमार रहती है। चूंकि आज यहां की बड़ी-बड़ी हवेलियां एयरकूल्ड और क्लाइमेंट कंट्रोल्ड हैं, इसलिए अब यह शहर हर सीजन का पर्यटन केंद्र है। यहां मानसून के मौसम में खासतौर पर हनीमून कपल्स आना पसंद करते हैं क्योंकि अरावली की हरियाली मनमोह लेने वाली होती है। वैसे भी मानसून की रिमझिम बारिश में किलों का सौंदर्य और इस शहर की हर तरफ बिखरी नीली छतरियांे की सुंदरता निखरकर आती है। इ.रि.सें.

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