नीला आसमान, नीली झीलें और दिलकश सफर का रोमांच
लुगानो एक शहर नहीं, एक भाव है — जहां नीले पानी में मन उतरता है और हर पहाड़ी दृश्य आत्मा को छूता है। झील की शांत लहरें, इतालवी बोली और स्विस अनुशासन मिलकर एक ऐसी दुनिया रचते हैं, जहां सैर नहीं, स्वयं की खोज होती है। यहां प्रकृति दर्शन कराती है।
अमिताभ स.
स्विट्ज़रलैंड का हर शहर ही खूबसूरती बेमिसाल है। इटली से सटे स्विस शहर लुगानो के भी क्या कहने। साफ-स्वच्छ नीले पानी से लबालब झील इतनी बड़ी है कि 60 फीसदी हिस्सा लुगानो यानी स्विट्ज़रलैंड में है और बाकी इटली में। यूं भी यूरोप के स्वर्ग स्विट्ज़रलैंड का चप्पा-चप्पा ही हसीन है। लेकिन ज्यूरिख, लूसर्न और इंटरलाकन के बाद एक और खूबसूरत शहर लुगानो देखे बिना स्विट्ज़रलैंड की सैर अधूरी ही समझिए। लुगानो समेत हर स्विस शहर रेल से जुड़ा है। इस हद तक कि यूरोप के शिखर योंक फ्रो योक की चोटी पर भी ट्रेन बखूबी आती-जाती है। सबसे बड़े स्विस शहर ज्यूरिख से ट्रेन के जरिए लुगानो पहुंचना सबसे सुविधाजनक है। रास्ते के नजारे मंत्रमुग्ध करने का दम रखते हैं।
फॉक्स टाउन
ज्यादातर सैलानी ज्यूरिख से लुगानो जाने से पहले मेनड्रिसिओ जाना पसन्द करते हैं। ट्रेन महज 20 मिनट में ज्यूरिख से मेनड्रिसिओ पहुंचा देती है। हालांकि यह एक गांव है, लेकिन फॉक्स टाउन के नाम से मशहूर है। खासियत है कि यहां तमाम अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड के फैक्टरी ऑउटलेट्स हैं। ख़रीदारी के दीवानों के लिए तो वाकई जबरदस्त है। मंज़िल-दर-मंज़िल ख़रीदारी के मौके खुलते जाते हैं। अजब बात है कि स्थानीय स्विस लोग महंगाई की वजअ से फॉक्स टाउन में ख़रीदारी नहीं करते। इसलिए पड़ोसी देश इटली के मिलान शहर में शॉपिंग करने जाते हैं। मिलान सस्ता है और ज्यादा दूर भी नहीं है। फॉक्स टाउन से आधे घंटे का रेल सफर तय करके मिलान पहुंच जाते हैं।
फॉक्स टाउन में ख़रीदारी के बाद मेनड्रिसिओ से ट्रेन के जरिए आधे घंटे में लुगानो होते हैं। ट्रेन सर्विस बेहतरीन है- हर 20 मिनट में ट्रेन निकलती है। लुगानो रेलवे स्टेशन पहाड़ पर बना है और छोटा-सा है, फिर भी शानदार है। लुगानो उतराई पर है, इसलिए स्टेशन के बाहर ‘फनी बस’ की मुफ्त बस सेवा है। ‘फनी बस’ केवल 3 मिनट में लुगानो में उतार देती है। यहीं से स्टेशन जाने के लिए भी ‘फनी बस’ की सुविधा मिलती है।खूबसूरती का स्वर्ग
तमाम स्विस शहरों की माफिक लुगानो भी छोटा-सा शहर है। इसकी सड़कें बाकी स्विस शहरों से ज़रा ज्यादा चौड़ी हैं। बाकी स्विस शहरों से उलट लुगानो में राइट हैंड ड्राइव होती है। बिल्कुल अपने देश की तरह। लुगानो झील के किनारे बसा है और झील का नाम भी लुगानो लेक ही है। झील को देख-देख आंखें दंग रह जाती हैं। दूर-दूर तक फैला नीला पानी और आखिरी छोर पर एल्पस पहाड़ों की कतार। पानी क्रिस्टल क्लीयर है और तारीफ़ के लिए शब्द है- सुभान अल्लाह! झील के किनारे बड़े-बड़े हरे-भरे बाग हैं, और एक ओर पैदल पथ। बीच-बीच में खुली जगहों पर ज़मीन पर बड़े-बड़े शतरंज बने हैं। लोग शतरंज खेल-खेल कर दिल बहलाते हैं। हू-ब-हू वैसे ही, जैसे अपने देश में, बुजुर्ग गर्मियों में पेड़ की छांव और सर्दियों में धूप तले ताश के पत्तों से टाइम पास करते हैं।
स्विट्ज़रलैंड में रेल अहम रोल निभाती है, तो ई-मेल के जमाने में भी पोस्ट ऑफिस और पोस्ट बॉक्स की अहमियत खारिज नहीं हुई है। यहां पोस्ट बॉक्स का रंग पीला है। आकार-प्रकार में भी फर्क है। हमारे यहां गोलाकर ड्रम की तरह है, तो वहां चकौर कनस्तर नुमा।
मुफ्त में अख़बार
घूमने-फिरने के लिहाज से, सबसे खास है- लुगानो स्कवेयर। ‘पिआजा डेला रिफोर्मा’ नाम से जाना जाता है। दिन और रात भर रौनकें जवान रहती हैं- रेस्टोरेंट्स, बार-पब और भव्य स्टोर हैं। बच्चों के लिए मैरी-गो-राउंड की राइड और चिल्ड्रन ट्रेन तो बड़े आकर्षक हैं। फव्वारे हैं और उनका पानी मीठा-साफ पीने लायक है। लोग पीते हैं और रास्ते में पीने के लिए बोतलों में भर कर ले भी जाते हैं। इर्द-गिर्द सुस्ताने के लिए बेंच लगे हैं। साथ लगे जालों में अखबारों के बंडल रखे रहते हैं। कोई भी मुफ़्त उठा कर, पढ़ सकता है, और घर भी ले जा सकता है। वैसे, पूरे स्विट्ज़रलैंड में अखबार मुफ्त मिलते हैं।
साफ- सुथरे शहर का राज़
सड़कों-गलियों और सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों समेत पालतू जानवरों को शौच कराते अगर पुलिस ने देख लिया, तो 300 स्विस फ़्रैंक जुर्माना देना पड़ता है। यानी एक स्विस फ़्रैंक क़रीब 103 रुपये का है, तो जुर्माना 30 हज़ार रुपये पार हो गया! अपने देश की तरह वहां रिश्वत देकर सस्ते में छूटने की गुंजाइश नहीं होती। क्योंकि स्विट्ज़रलैंड भ्रष्टाचार मुक्त देशों में से एक है। इसीलिए कई स्विस शहर दुनिया के दस सबसे साफ शहरों में शुमार हैं।बोलते हैं इटेलियन
सेंट लॉरेंस चर्च, आर्ट म्यूजियम वगैरह लुगानो में एक से एक ऐतिहासिक इमारतें हैं। देश के महत्व के करीब 17 आकर्षक यहां मौजूद हैं। ज्यादातर इमारतों पर इटेलियन आर्किटेक्चर छाया है। लुगानो लेक 48.7 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैली है- 63 फीसदी झील स्विट्ज़रलैंड में है और बाकी इटली में। सामने है मोंटे सेन सेलवेटोर की चोटी।
ग़ौरतलब है कि लुगानो स्विस शहर होने के बावजूद बोलचाल की भाषा इटेलियन है, क्योंकि इटली सरहद पर है। जबकि बाकी स्विस शहरों में जर्मन ज्यादा बोली जाती है। आबादी ज्यादा नहीं है- महज 62 हज़ार के करीब। आबादी के लिहाज से, यह स्विट्ज़रलैंड का 9वां बड़ा शहर है। इटली के बाहर इटेलियन बोलने वाला सबसे बड़ा शहर भी यही है।
गर्मियों में मौसम ज़रा गर्म होता है, धूप कड़क होती है। इसलिए जानी-मानी शख़्सियतें, मनोरंजन की दुनिया से जुड़े और खिलाड़ी आमतौर पर यहीं आना और रहना पसंद करते हैं। उन्होंने ही इसे ‘मोंटे कार्लो ऑफ स्विट्ज़रलैंड’ का तमगा दिया है।
लुगानो यानी लकड़ी और जंगल
लुगानो स्विट्ज़रलैंड के दक्षिण में है। लुगानो लेटिन शब्द है, जिसका मतलब है- वुड यानी लकड़ी या जंगल। हर तरफ हरियाली, पहाड़ और झील के कुदरती नजारे लुगानो को पर्यटक मैत्री शहर बनाने में मददगार हैं।
दिल्ली से ज्यूरिख 8.30 घंटे की सीधी उड़ान से पहुंचते हैं, फिर आगे ज्यूरिख से लुगानो ट्रेन से एक घंटे में।
ज्यूरिख से लुगानो के बीच का सफर कम दिलचस्प और मजेदार नहीं है। नजारे तो नजारे, सेंट गोथाट टनल से गुजरना बच्चों और बड़ों को बराबर रोमांच से भर देता है। एल्पस पहाड़ों को चीर कर बनी करीब 15 किलोमीटर लम्बी सुरंग दुनिया की सबसे लम्बी सुरंगों में से एक है। सन् 1882 से है, और तब यह दुनिया की सबसे लम्बी सुरंग थी। इतनी लम्बी है कि ट्रेन से सुरंग पार करने में करीब 7 मिनट लगते हैं।