अटारी/ नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (ट्रिन्यू/ एजेंसी)पाकिस्तान के 12 श्रेणियों के अल्पकालिक वीजा धारकों के लिए भारत में रहने की समय सीमा रविवार को समाप्त हो गयी। इसके मद्देनजर पंजाब के अमृतसर जिले में अटारी सीमा पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। कई भारतीय अपने रिश्तेदारों को विदा करने पहुंचे। उनके चेहरों पर बिछड़ने का दर्द साफ झलक रहा था। ज्यादा परेशान वह थे, जिनका परिवार ही जुदा हो गया। परिवारों में चिंता थी कि फिर कब मिलेंगे। इनमें शामिल भारतीय नागरिक प्रिया कंवर अपनी पाकिस्तानी नागरिक बेटी सरिता और दामाद के पाक जाने पर फफक पड़ीं। 1991 में एक पाकिस्तानी से विवाहित प्रिया को उनके पति और बच्चों के साथ पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी गयी।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़कर जाने का निर्देश दिया था। इसके बाद अटारी-वाघा सीमा चौकी के रास्ते 537 पाकिस्तानी अपने देश लौट चुके हैं, जबकि 850 भारतीय वापस आये हैं। रविवार को 237 पाकिस्तानी अपने देश लौटे और 116 भारतीय वापस आये।जिन 12 श्रेणियों के लिए रविवार तक की समय सीमा थी, उनमें आगमन पर वीजा, व्यवसाय, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, सामूहिक पर्यटन, तीर्थयात्रा और सामूहिक तीर्थयात्रा वीजा धारी शामिल हैं। मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए अंतिम तिथि 29 अप्रैल है।न जाने वालों को हो सकती है तीन साल की जेलसमय सीमा के भीतर भारत छोड़ने में विफल रहे किसी भी पाकिस्तानी को गिरफ्तार किया जाएगा, मुकदमा चलाया जाएगा और उसे तीन साल तक की जेल की सजा या अधिकतम तीन लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। चार अप्रैल को लागू हुए आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम 2025 के तहत यह प्रावधान है।कुपवाड़ा में आतंकियों ने घर में घुसकर की हत्याजम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के अलर्ट मोड पर रहने के बावजूद आतंकवादियों ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए शख्स की पहचान गुलाम रसूल मगरे के रूप में हुई है। आतंकियों ने शनिवार देर रात को कुपवाड़ा जिले के कानी खास इलाके में स्थित उनके घर में घुसकर उन पर गोलियां दागीं। इस बीच, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी कर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जिसका भारतीय सेना के जवानों ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया। यह लगातार तीसरी रात थी, जब पाकिस्तान ने एलओसी पर गोलीबारी की।पहलगाम पीड़ितों को न्याय मिलकर रहेगा : मोदीनयी दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों और इसकी साजिश में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने का पुन: आश्वासन देते हुए रविवार को कहा कि पीड़ितों को न्याय मिलकर रहेगा। मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि हमले की तस्वीरें देखकर हर भारतीय का खून खौल रहा है। आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में देश की एकता और 140 करोड़ नागरिकों की एकजुटता सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि यह एकता आतंकवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई का आधार है।एनआईए ने अपने हाथ में ली जांचराष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि आतंकवाद रोधी एजेंसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद रविवार को जम्मू में केस दर्ज किया और कई टीमें जांच में जुटी हैं।सीडीएस ने की रक्षा मंत्री से मुलाकातभारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने नयी दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर उनसे मुलाकात की। करीब 40 मिनट चली बैठक में सीडीएस ने रक्षा मंत्री को विभिन्न ऑपरेशनों की विस्तार से जानकारी दी।ब्रिक्स बैठक में शामिल नहीं होंगे जयशंकर, डोभाल!पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के 30 अप्रैल को ब्राजील में होने वाली ब्रिक्स बैठक में शामिल न होने की संभावना है। 28-29 अप्रैल को ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जयशंकर का ब्राजील दौरा भी अनिश्चित है। उन्होंने कहा कि भारत के ब्रिक्स शेरपा बैठक में देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।जांच में रूस, चीन को भी करें शामिल : पाकिस्तानमॉस्को (एजेंसी) : पाकिस्तान ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच में रूस और चीन को शामिल किया जाना चाहिये। रूसी सरकार द्वारा संचालित समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, ‘रूस, चीन या पश्चिमी देश इस संकट में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं और वे एक जांच दल भी गठित कर सकते हैं, जिसे जांच का यह काम सौंपा जाना चाहिए कि भारत झूठ बोल रहा है या सच।’