नई ‘सुपर-अर्थ’ में जीवन की उम्मीदें
दरअसल, एचडी 20794 डी नामक नए ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से छह गुना है और यह हमारे सूर्य के समान एक तारे की परिक्रमा करता है, जो केवल 20 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इसकी कक्षा इसे अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र में रखती है। इसका अर्थ है कि यह अपने तारे से सही दूरी पर है ताकि इसकी सतह पर तरल पानी बना रहे, जो कि जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है।
मुकुल व्यास
वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने सूर्य जैसे निकटवर्ती तारे के आवास योग्य क्षेत्र में परिक्रमा कर रही एक ‘सुपर-अर्थ’ (विराट पृथ्वी) की खोज की पुष्टि की है। वैसे हमारे सौरमंडल से बाहर 5830 ग्रहों की उपस्थिति की पुष्टि हो चुकी है, हालांकि ऐसे ग्रहों की संख्या अरबों में हो सकती है। ऐसे बाहरी ग्रहों को एक्सोप्लैनेट भी कहा जाता है। खगोल वैज्ञानिकों का मुख्य फोकस पृथ्वी जैसे चट्टानी ग्रहों पर है जहां परिस्थितियां आवास योग्य हैं। नई सुपर-अर्थ की खोज मूल रूप से ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ.माइकल क्रेटिग्नियर ने की थी। दो दशकों से अधिक के अवलोकनों पर आधारित यह परिणाम भविष्य में पृथ्वी जैसे बाहरी ग्रहों के अध्ययनों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियां हो सकती हैं।
दरअसल, एचडी 20794 डी नामक नए ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से छह गुना है और यह हमारे सूर्य के समान एक तारे की परिक्रमा करता है, जो केवल 20 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इसकी कक्षा इसे अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र में रखती है। इसका अर्थ है कि यह अपने तारे से सही दूरी पर है ताकि इसकी सतह पर तरल पानी बना रहे, जो कि जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। डॉ. क्रेटिग्नियर ने पहली बार 2022 में चिली में ला सिला वेधशाला में हार्प्स (हाई एक्यूरेसी रेडियल वेलोसिटी प्लैनेट सर्चर) स्पेक्ट्रोग्राफ द्वारा दर्ज किए गए संगृहीत डेटा का विश्लेषण करते हुए एक बाहरी ग्रह के संभावित सिग्नल की पहचान की। यह डेटा वस्तुओं द्वारा अवशोषित और उत्सर्जित प्रकाश का विश्लेषण करता है।
डॉ. क्रेटिग्नियर ने मेजबान तारे द्वारा उत्सर्जित प्रकाश के स्पेक्ट्रम में अलग-अलग, आवधिक बदलाव देखे, जो किसी नजदीकी ग्रह के गुरुत्वीय खिंचाव के कारण हो सकते थे। हालांकि, सिग्नल की मंदता के कारण यह स्पष्ट नहीं था कि यह किसी ग्रह के कारण हुआ था, जो तारे द्वारा ही प्रेरित था, या किसी यंत्र की त्रुटि के कारण हुआ था। सिग्नल की पुष्टि करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय टीम ने हार्प्स टेलीस्कोप और चिली में ही उसके उत्तराधिकारी, एस्प्रेसो द्वारा दो दशकों में दर्ज किए गए अत्यधिक सटीक मापों का विश्लेषण किया। ये उपकरण प्रकाश स्पेक्ट्रम में सूक्ष्म बदलावों को मापने के लिए दुनिया में सबसे उन्नत उपकरणों में से हैं।
डॉ. क्रेटिग्नियर ने कहा, हमने वर्षों तक डेटा विश्लेषण पर काम किया, धीरे-धीरे दूषण के सभी संभावित स्रोतों का विश्लेषण करके उनका उन्मूलन किया। ग्रहों के सिग्नल को पृष्ठभूमि शोर और उपकरण के सूक्ष्म प्रभावों से अलग करने के लिए उन्नत विधियों और सावधानीपूर्वक विश्लेषण की आवश्यकता थी। दो उपकरणों के परिणामों को मिलाकर अंततः बाहरी ग्रह की खोज की पुष्टि की गई। क्रेटिग्नियर ने कहा, रोमांचक बात यह है कि यह ग्रह केवल 20 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका मतलब है कि भविष्य के अंतरिक्ष मिशन इस सुपर-अर्थ की छवियां प्राप्त करने की उम्मीद रख सकते हैं।
डॉ. क्रेटिग्नियर ने कहा, मेरा काम मुख्य रूप से इन अज्ञात दुनियाओं को खोजना है। मैं अब यह सुनने के लिए बहुत उत्साहित हूं कि अन्य वैज्ञानिक हमें इस नए खोजे गए ग्रह के बारे में क्या बता सकते हैं। यद्यपि यह ग्रह अपने तारे के आवास योग्य क्षेत्र में स्थित है, फिर भी यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या यह जीवन की मेजबानी कर सकता है। इस ग्रह की कक्षा गोलाकार नहीं है बल्कि अंडाकार है। अपने तारे से इसकी दूरी काफी हद तक बदलती रहती है, जिससे ग्रह अपने पूरे वर्ष में आवास योग्य क्षेत्र के बाहरी किनारे से आंतरिक किनारे की ओर बढ़ता रहता है। जो भी हो, पृथ्वी से अपेक्षाकृत निकटता के कारण यह ग्रह भविष्य के मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह हमारे सौर मंडल के बाहर जीवन के संकेतों का पता लगाने के लिए डिजाइन की गई आगामी अंतरिक्ष परियोजनाओं को परखने का अवसर प्रदान करेगा। इनमें एक्सट्रीमली लार्ज टेलीस्कोप, हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी और लार्ज इंटरफेरोमीटर फॉर एक्सोप्लैनेट्स शामिल हैं। ये उपकरण जीवन के संकेत देने वाले जैविक चिन्हों के लिए पृथ्वी जैसे बाहरी ग्रहों के वायुमंडल का निरीक्षण करेंगे। खगोल वैज्ञानिकों के लिए बाहरी ग्रहों की प्रत्येक खोज ग्रह निर्माण, सौरमंडल की वास्तुकला और तारों के आवास योग्य क्षेत्रों के मॉडल को परिष्कृत करने का अवसर है। प्रत्येक नया ग्रह वैज्ञानिक प्रयास में और अधिक डेटा एकत्र करता है ताकि यह समझा जा सके कि क्या हो रहा है और चीजें इस तरह कैसे हुईं। कुछ ग्रहों में असामान्य विशेषताएं होती हैं जिनके लिए गहन अध्ययन और विस्तृत अवलोकन की आवश्यकता पड़ती है।
नासा के एक नए टेलीस्कोप से जीवन अनुकूल बाहरी ग्रहों की खोज की दिशा में बड़ी प्रगति हो सकती है। इसे एक ऐसी अजीबोगरीब नई दुनिया की खोज के लिए डिजाइन किया गया है जो जीवन के लिए अनुकूल हो। हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी नामक यह टेलीस्कोप इतना विशाल है कि इसे अंतरिक्ष तक पहुंचने के लिए स्पेसएक्स के स्टारशिप जैसे अगली पीढ़ी के मेगा रॉकेट की सवारी करने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। लाखों प्रकाश-वर्ष दूर पृथ्वी के जुड़वां की खोज के लिए इसे नए तकनीकी नवाचारों की भी आवश्यकता होगी। फिर भी, इतनी भारी मांगों के बावजूद इस परियोजना को 2020 के खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी सर्वेक्षण (एस्ट्रो 2020) में सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में चुना गया। इस रिपोर्ट का उद्देश्य खगोल विज्ञान समुदाय के लिए एक रोडमैप निर्धारित करना है।
हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी (एचडब्ल्यूओ) की अंतरिम परियोजना से जुड़ी वैज्ञानिक जीयाडा अर्नी ने कुछ दिन पहले अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की 245वीं बैठक में कहा कि यह प्रश्न कि ‘क्या हम अकेले हैं?’ न केवल विज्ञान के इतिहास में, बल्कि मानवता के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक है। उन्होंने कहा कि हम वास्तव में उन उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को प्राप्त करने के कगार पर हैं जो इस प्रश्न को तार्किक और वैज्ञानिक तरीके से हल करने के लिए आवश्यक हैं।
अर्नी ने विश्वास जाहिर किया कि हम अपने जीवनकाल में इस प्रश्न का उत्तर जान सकते हैं। अर्नी मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में ग्रह वैज्ञानिक हैं। इस समय वह खगोल भौतिकी अनुसंधान और बाहरी ग्रहों की खोज के लिए हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी को एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों की एक विशाल टीम के साथ काम कर रही हैं। नासा ने नए स्पेस टेलीस्कोप को सफल बनाने के लिए आवश्यक कुछ प्रमुख तकनीकें हासिल करने के उद्देश्य से 1.75 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। अब प्रस्तावित टेलीस्कोप की टीम जुलाई के अंत में एक प्रमुख विज्ञान सम्मेलन की तैयारी कर रही है जिसमें हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी द्वारा किए जा सकने वाले वैज्ञानिक कार्यों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। अभी नए टेलीस्कोप का डिजाइन शुरुआती चरण में है। नासा के वैज्ञानिक इस समय कई तरह के डिजाइनों पर काम कर रहे हैं। इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि लांच होने पर नया टेलीस्कोप कैसा दिखेगा। लेकिन एक बात पक्की है कि यह बहुत बड़ा टेलीस्कोप होगा।
एचडब्ल्यूओ के प्रमुख वास्तुकार ली फीनबर्ग ने बताया कि नासा इस समय 6 मीटर चौड़े विशाल स्पेस टेलीस्कोप की कल्पना कर रहा है। यह टेलीस्कोप 8 मीटर चौड़ा भी हो सकता है। तुलना के लिए हबल स्पेस टेलीस्कोप 2 मीटर चौड़ा है। नए टेलीस्कोप में चार प्राथमिक उपकरण होंगे, जिसमें एक अति-संवेदनशील कोरोना ग्राफ भी शामिल है जो दूर के तारों के आसपास पृथ्वी के आकार के ग्रहों का पता लगा सकता है। शुरू में एचडब्ल्यूओ के सबसे छोटे संस्करण को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए एक विशाल रॉकेट की आवश्यकता होगी।
लेखक विज्ञान मामलों के जानकार हैं।