दूसरे दिन भी रही नाकाबंदी, किसानों को हिरासत में लिया
संगरूर, 6 मई (निस)
पंजाब में किसान आंदोलन की आशंका को देखते हुए आज दूसरे दिन भी पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी की और कई जगह किसानों को हिरासत में लिया। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के धरना देने की योजना के मद्देनजर पुलिस ने कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया है। आज सुबह 4 बजे पुलिस ने मंगवाल, भट्टीवाल कलां और खिरनिया में छापेमारी की। भारतीय किसान यूनियन एकता (सिद्धूपुर) के ब्लॉक अध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह घुलाल को हिरासत में लिया गया। जसवंत सिंह गिल और बलबीर सिंह को भी हिरासत में लिया गया। गुरजीत सिंह और गुरचरण सिंह को दोराहा ब्लॉक से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कई और किसान नेताओं को हिरासत में लिया है। इनमें सुपिंदर बग्गा, गुरिंदर सिंह, अमरीक सिंह सुधार और जगरूप सिंह रायकोट शामिल हैं। किसान नेता स्वर्णजीत सिंह के पुत्र सुखजीत सिंह ने कहा कि वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए शंभू मोर्चा जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दमनकारी रवैया अपनाया है।
राजपुरा (निस) : सयुंक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की ओर से शम्भू पुलिस स्टेशन का घेराव करने के ऐलान को पटियाला पुलिस ने उस समय फेल कर दिया जब एसएसपी वरुण शर्मा की अगुवाई में सैकड़ों पुलिस मुलाजिमों और अधिकारियों ने सभी रास्तों पर कड़ी नाकाबंदी कर किसानों को रोक कर हिरासत में ले लिया। इतना ही नहीं, हरियाणा की तरफ से आये कुछ किसानों को हरियाणा पुलिस की ओर से पंजाब की तरफ आने से रोकने के बाद लगभग एक दर्जन किसान जब शम्भू पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ने लगे तो उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एसएसपी ने मौके पर मौजूद रह कर पुलिस टीमों के साथ वाहनों की आवाजाही पर किसी तरह का असर नहीं पड़ने दिया। पत्रकारों से बात करते हुये एसएसपी पटियाला वरुण शर्मा ने बताया कि शम्भू की तरफ आने जाने वाले सभी रास्तों पर कई लेयर की नाकाबंदी की गई है। हर जत्थेबंदी को प्रदर्शन का हक है लेकिन अपने हक की आड़ में आम लोगों को परेशान करना बर्दाशत नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शम्भू पुलिस स्टेशन नेशनल हाईवे पर है। पुलिस यह यकीनी बनायेगी कि किसी प्रकार के प्रदर्शन की आड़ में हाईवे को जाम करने की कोशिश न हो। मौके पर एसपी सिटी पटियाला वैभव चौधरी सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
‘सरकार ने हदें पार की’
किसान नेताओं ने कहा कि भगवंत मान सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं। किसानों को राजनीति में घसीटा जा रहा है। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है। किसान संगठनों का आरोप है कि 19-20 मार्च की घटना में पंजाब सरकार ने उनके आंदोलन स्थल से ट्रॉलियां, स्टेज, साउंड सिस्टम, एसी, कूलर, गैस सिलेंडर, फर्नीचर, टेंट, शेड, सोलर सिस्टम, राशन, जेनरेटर, पानी के टैंकर और रोजाना की जरूरतों का करोड़ों रुपये का सामान लूट लिया। जब वे इंसाफ मांगने निकले तो उन्हें सलाखों के पीछे डाला जा रहा है।