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दिमाग के लिए टॉनिक है अच्छी आदतें

04:05 AM Feb 12, 2025 IST
दिमाग के लिए टॉनिक है अच्छी आदतें
व्यायाम की बेहतर आदत
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अक्सर हम अनजाने में अपने दिमाग पर अतिरिक्त बोझ डालते रहते हैं। धीरे-धीरे यह एक आदत बनकर दिमाग को थका देता है। यदि आप इसे नजरअंदाज करते रहे, तो आपका दिमाग बेवजह भरता रहेगा, जो न तो सही काम करेगा और न ही तरोताजा रहेगा। तो क्यों न जीवनशैली, सोचने के ढंग व आदतों को सुधारकर दिमाग को स्वस्थ रखने की दिशा में कदम उठाएं।

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दीप्ति अंगरीश
हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान, शराब और ड्रग्स जैसी आदतें हमारी सेहत के लिए खतरनाक हैं, लेकिन कुछ साधारण आदतें मस्तिष्क के लिए भी उतनी ही हानिकारक हो सकती हैं। यदि इन आदतों को समय रहते सुधारा न जाये, तो ये आपके दिमाग को थका सकती हैं। तो आइए, जानते हैं कैसे आप अपनी आदतों में सुधार करके अपने दिमाग को फिट और ताजगी से भरपूर रख सकते हैं :
पर्याप्त नींद न लेना
आजकल कई लोग अपने काम के दबाव में नींद को नजरअंदाज करते हैं, लेकिन यह आदत मस्तिष्क की सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है। पर्याप्त नींद न लेने से संज्ञानात्मक गिरावट, याद्दाश्त की कमी, मूड स्विंग्स और यहां तक कि डिमेंशिया जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए नींद को प्राथमिकता दें और अपने दिमाग को तरोताजा रखें। विज्ञान के अनुसार, प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को 6-7 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यह भी कि आप दिन भर काम करें ताकि बिस्तर पर जाते ही आपको नींद आ जाए।
अकेले रहने की आदत
अकेलापन मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप लगातार अकेले रहते हैं, तो यह अवसाद, चिंता और डिमेंशिया जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना जरूरी है। इंसान एक सामाजिक प्राणी है और जुड़ाव से मानसिक शांति मिलती है। सरोकार बनाने व बातचीत में पहल करें। यह खुद को मानसिक रूप से फिट रखने का एक तरीका है, जो आपको स्ट्रेस फ्री रखेगा। यानी बीमारियां पास भी नहीं आएंगी।
अपनाएं स्वस्थ जीवनशैली
अगर आप दिनभर बैठकर काम करते हैं और शारीरिक गतिविधियों से दूर रहते हैं, तो इससे मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये सभी स्वास्थ्य समस्याएं मस्तिष्क को भी प्रभावित करती हैं और डिमेंशिया का खतरा बढ़ाती हैं। इसलिए नियमित व्यायाम करें और सक्रिय रहें, ताकि आपका दिमाग भी ताजगी महसूस करे। हर आधे घंटे के बाद सीट से उठना उपयुक्त होगा। यह छोटी ब्रेक आपको तरोताजा कर देगी। यानी दिमाग और शरीर, दोनों फिट।
हेल्दी खानपान
गलत आहार से गट-ब्रेन अक्ष प्रभावित हो सकता है, जिससे मूड और व्यवहार में बदलाव हो सकता है। यह न्यूरोइंफ्लेमेटरी समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे स्ट्रोक और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाएं, ताकि आपका दिमाग हमेशा स्वस्थ और सक्रिय रहे। जहां भी जाएं, अपने बैग में लो कैलोरी स्नैक्स रखें, जैसे- मखाने, सूखे मेवे, मोटे अनाज के बिस्कुट आदि।
पर्याप्त धूप लें
विटामिन डी की कमी से मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और यह सर्केडियन रिदम को बिगाड़ सकता है, जिससे नींद और मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए सूरज की रोशनी में समय बिताएं, ताकि आपका दिमाग और शरीर दोनों स्वस्थ रहें।
तनाव से दूर रहें
अत्यधिक काम से शारीरिक-मानसिक तनाव बढ़ता है। इसलिए काम और आराम के बीच संतुलन बनाकर सेहत का ध्यान रखें। सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसे पढ़ाई, कैरियर, और अपने प्रियजनों से जुड़े रहने के लिए संतुलित रूप से उपयोग करें।
सोने से पहले की तैयारी
अच्छी रात की आदतें आपके अगले दिन की सफलता को सुनिश्चित करने में मदद करती हैं। दिमाग को ताजगी देती हैं। बिस्तर पर सोने जाने से 30 मिनट पहले कुछ तैयारी करें। इसमें शामिल हैं अगले दिन की तैयारी, अगले दिन की योजनाओं को व्यवस्थित करें, कपड़े आयरन करें, टू-डू लिस्ट बनाएं । इस आदत से आपको सुबह तनाव नहीं होगा।
लेखा-जोखा
बिस्तर पर जाने से 20 मिनट पहले आप अपनी सोच का लेखा-जोखा करें। आपने दिनभर क्या सीखा, क्या अच्छा किया और क्या सुधार की आवश्यकता है, इसे डायरी में लिखें।
लेटने के बाद जतायें आभार
आखिरकार, भगवान और अपने माता-पिता का आभार व्यक्त करें। यह आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त करती है और आपके जीवन को खुशहाल बनाती है। यह रात का रूटीन आपकी उत्पादकता, मानसिक स्थिति और आत्म-मूल्यांकन के बीच एक बेहतरीन संतुलन बनाता है।

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