For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

दलाई लामा ने धर्मशाला को दिलाई वैश्विक पहचान : उपमुख्यमंत्री

04:13 AM Jul 07, 2025 IST
दलाई लामा ने धर्मशाला को दिलाई वैश्विक पहचान   उपमुख्यमंत्री
Advertisement
शिमला, 6 जुलाई (हप्र)तिब्बती समुदाय के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के 90वें जन्म दिवस के अवसर पर छोटा शिमला स्थित सम्भोटा तिब्बतन स्कूल में भव्य समारोह आयोजित किया गया। समारोह में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने दलाई लामा को विश्व शांति, करुणा, एकता और मानवता का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका जीवन सत्य, अहिंसा और करुणा की मिसाल है और वह न केवल तिब्बती समुदाय के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल की भूमि धर्मशाला में उनका निवास हम सभी के लिए गर्व की बात है। धर्मशाला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने का श्रेय भी परम पावन दलाई लामा को ही जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय को तिब्बती संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए।
Advertisement

उन्होंने कहा कि भारत और हिमाचल प्रदेश सरकार ने तिब्बती समुदाय के साथ सदैव ही स्नेह व भाईचारे का व्यवहार किया है। हम तिब्बती समुदाय के साथ एक परिवार की तरह रहते हैं तथा तिब्बती समुदाय को यहां अच्छा वातावरण मिला है। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तिब्बती समुदाय के हितों की रक्षा के लिए समय-समय पर अनेक अहम कदम उठाए हैं और इसमें पूर्व की कांग्रेस सरकारों का अहम योगदान रहा है। इस अवसर पर भारत-तिब्बत मैत्री संघ के अध्यक्ष प्रो. वी एस नेगी ने तिब्बती संस्कृति और इतिहास पर प्रकाश डाला।

दलाई लामा के जीवन से लें सीख

Advertisement

राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने रविवार को किन्नौर जिला के रिकांगपियो स्थित पुलिस लाइन के समीप छोसखोरलिंग बौद्ध मंदिर में बौद्ध धर्म के 14वें परम पावन दलाई लामा के 90वें जन्मोत्सव एवं करुणा वर्ष समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कैबिनेट मंत्री ने इस अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार बौद्ध धर्म व भोटी भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है ताकि जनजातीय क्षेत्रों में भावी पीढ़ी को बौद्ध धर्म के बारे में जागरूक किया जा सके और वे अपनी समृद्ध संस्कृति पर गर्व महसूस कर सकें।

Advertisement
Advertisement