For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

दक्षिण एशिया का प्रभावशाली कला मंच

04:05 AM Feb 07, 2025 IST
दक्षिण एशिया का प्रभावशाली कला मंच
Advertisement

इंडिया आर्ट फेयर 2025, समकालीन और आधुनिक कला का सबसे बड़ा मंच बन चुका है। करीब 120 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शकों के साथ यह मेला दक्षिण एशिया में कला का प्रमुख आयोजन बन गया है। इसके साथ, यह भारतीय कला को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने और उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित करने वाला महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है।

Advertisement

लोकमित्र गौतम

छह से 9 फरवरी तक नयी दिल्ली के ओखला में स्थित एनएसआईसी प्रदर्शनी मैदान में, इंडिया आर्ट फेयर 2025 अपने सबसे भव्य रूप में आयोजित हो रहा है। इसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दीर्घाओं सहित 120 से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं। यह कला मेला समकालीन और आधुनिक कला के लिए दक्षिण एशिया का सबसे प्रमुख मंच बन गया है। वर्ष 2008 में अपनी शुरुआत के बाद से यह लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है। आरंभ में इसका नाम इंडिया आर्ट समिट हुआ करता था। तब यह सिर्फ भारतीय कलाओं के प्रदर्शन तक ही सीमित था, लेकिन अब यह विश्व के प्रमुख कला मेलों में शुमार होने के साथ-साथ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा कला मंच बन चुका है। साल 2011 में स्विट‍्ज़रलैंड की कला संस्था एमसीएच ग्रुप (जो आर्ट बेसल का आयोजक है) ने इसमें काफी बड़ी हिस्सेदारी खरीदी, जिसके बाद से इंडिया आर्ट फेयर एक वैश्विक आयोजन बन चुका है, जिसका मुख्य प्रदर्शनी मैदान एनएसआईसी एग्जीविशन ग्राउंड है, जो कि राजधानी दिल्ली के ओखला क्षेत्र में स्थित है और यह दिल्ली के प्रमुख कला केंद्रों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली की कई प्रमुख गैलरियां जैसे नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट और कुछ दूसरी निजी गैलरियां भी इसके आसपास स्थित हैं।
एनएसआईसी एग्जीविशन ग्राउंड, दिल्ली की मेट्रो और बस परिवहन सुविधाओं से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, इसलिए राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों को यहां पहुंचने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती। इस साल हो रहा यह आर्ट फेयर, जिसमें आगंतुक एक जीवंत कार्यक्रम की उम्मीद कर सकते हैं। इस बार भी इंडिया आर्ट फेयर अपनी विचारोत्तेजक वार्ताओं, इंट्रैक्टिव इंस्टॉलेशन, आउटडोर प्रोजेक्ट के लिए चर्चा में रहने वाला है। इंडिया आर्ट फेयर, कलाकारों, कला के संग्राहकों और कला-प्रेमी दर्शकों के लिए समान अनुभव मुहैया कराता है। यह उभरती आवाजों और विविध विचारों का एक ऐसा रचनात्मक मिलन है, जो कला के ऊंचे और रचनात्मक मानदंड प्रस्तुत करता है।
इंडिया आर्ट फेयर 2025 का सबसे खास आकर्षण आयशा सिंह द्वारा कमीशन की गई मुखौटा कलाकृति है। जिसे एमएएसएच द्वारा समर्थन दिया गया है। जैसे-जैसे यह मेला अपनी वैश्विक पहुंच का विस्तार कर रहा है, वैसे-वैसे यह दक्षिण एशियाई कलाकारों और सांस्कृतिक संस्थानों का समर्थन करने, कला की दुनिया में नये संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने में गहराई से रुचि ले रहा है। बहरहाल, सभी कला प्रेमी और संग्रहकर्ताओं या कला के बारे में जानने के इच्छुक लोगों को इंडिया आर्ट फेयर में आमंत्रित किया गया है।
हालांकि, इस बार भी इसे टिकट से दूर रखा गया है। हां, कलाकृतियों की खरीदारी काफी महंगी हो सकती हैं। अमूमन यहां लोकप्रिय कलाकारों की कलाकृतियां 50 से 70 हजार रुपये के बीच बिकने की शुरुआत होती है। वैसे तो अभी भी इंडिया आर्ट फेयर की दुनिया के विख्यात कला मेलों जैसे-आर्ट बेसल, फ्रिज लंदन और अरमरी शो के साथ गिनती नहीं होती, लेकिन अपने 16 सालों के सफर में ही यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और प्रभावशाली कला मंच बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय गैलरियों और कलेक्टरों की उपस्थिति के लिहाज से भी यह वैश्विक कला मेलों में अपनी जबर्दस्त पहचान बना रहा है। भारत के अलावा दूसरे देशों की गैलरियां, कलेक्टर्स और कलाकार भी अब इसमें पूरी रुचि और महत्व के साथ हिस्सा ले रहे हैं, जिससे यह कला का एक वैश्विक मंच बनकर उभरा है।
यह कला मेला देश की समकालीन और पारंपरिक कला को राष्ट्रीय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रस्तुत करता है। सही मायनों में इसने पिछले डेढ़ दशकों में भारतीय कलाकारों, गैलरियों और संग्राहकों को अच्छी तरह से अंतर्राष्ट्रीय कला बाजार से जोड़ा है। यह संस्कृति और आधुनिक कला का भी संगम है। यह न केवल पारंपरिक भारतीय कला को प्रमोट करता है बल्कि आधुनिक और समकालीन कला के लिए भी मंच प्रदान करता है। इ.रि.सें.

Advertisement

Advertisement
Advertisement