न्यूयॉर्क, 29 मई (एजेंसी)ट्रंप प्रशासन ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘अस्थायी संघर्ष विराम’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद ही हुआ।वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में प्रस्तुत एक दस्तावेज में यह टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था की रक्षा के उद्देश्य से शुल्क लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के तहत अपनी आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग किया था।लुटनिक ने कहा कि वास्तविक वैश्विक कूटनीति संचालित करने की राष्ट्रपति की क्षमता के लिए शुल्क बनाए रखना बेहद जरूरी है। लुटनिक ने अपने प्रतिवेदन में कहा, उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान दो परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और 13 दिन पहले दोनों में संघर्ष छिड़ा था।10 मई को दोनों देश एक अस्थायी संघर्ष विराम पर पहुंचे। यह संघर्ष विराम राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप से ही हो सका। उन्होंने ही दोनों देशों को संघर्ष टालने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करने की अनुमति प्रदान की थी। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने वाला कोई प्रतिकूल फैसला भारत और पाकिस्तान को राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव की वैधता पर सवाल उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है।ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की है। वहीं, भारतीय सरकारी सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी के बिना संघर्ष विराम पर सहमति बनी।