वाशिंगटन, 23 फरवरी (एजेंसी)अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के पूर्ववर्ती बाइडेन प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने भारत को उसके चुनाव में मदद के लिए 1.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि आवंटित की, जबकि उसे इसकी जरूरत नहीं है। ट्रंप ने ‘कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस' (सीपीएसी) में शनिवार को अपने भाषण के दौरान यह टिप्पणी की। इससे पहले भी वह अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) पर निशाना साधते हुए दावा कर चुके हैं कि चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत को 2.1 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद दी गयी।अपने संबोधन में ट्रंप ने भारत पर अमेरिका का फायदा उठाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘भारत को उसके चुनावों में मदद के लिए 1.8 करोड़ डॉलर दिए गये। आखिर क्यों?...। हम भारत को चुनावों के लिए पैसे दे रहे हैं। उन्हें पैसे की जरूरत नहीं है। वे हमारा बहुत फायदा उठाते हैं। वे दुनिया में सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक हैं... वे 200 प्रतिशत (कर) लगाते हैं और फिर हम उन्हें चुनाव में मदद करने के लिए बहुत सारा पैसा दे रहे हैं।' ट्रंप ने बांग्लादेश को 2.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर देने के लिए भी यूएसएड की आलोचना की।बाइडेन प्रशासन के तहत भारत को वोटर टर्नआउट के लिए फंडिंग के ट्रंप के दावे को लेकर देश में विवाद खड़ा हो गया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गयी जानकारी चिंताजनक है और सरकार इसकी जांच कर रही है।यूएसएड ने वोटर टर्नआउट के लिए कोई फंड नहीं दिया : वित्त मंत्रालयनयी दिल्ली : भारतीय चुनावों को प्रभावित करने में यूएसएड की कथित भूमिका को लेकर राजनीतिक विवाद के बीच वित्त मंत्रालय की हालिया वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एजेंसी ने 2023-24 में 75 करोड़ डॉलर मूल्य की सात परियोजनाओं को वित्त पोषित किया। लेकिन, वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए कोई फंडिंग नहीं की गयी।देश के अपमान पर सरकार चुप क्यों : कांग्रेसकांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर 'अमेरिका से फर्जी खबरें फैलाकर राष्ट्र विरोधी कार्य करने' का आरोप लगाया। विपक्षी दल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को जवाब देना होगा कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क बार-बार भारत का अपमान कर रहे हैं, तो सरकार चुप क्यों है। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि कहीं अदाणी के लिए रहम की भीख मांगने के चक्कर में देश के आत्मसम्मान से समझौता तो नहीं किया गया है?