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जीएसटी लागू होने से हिमाचल को हुआ नुकसान : राज्यपाल

04:10 AM Mar 11, 2025 IST
जीएसटी लागू होने से हिमाचल को हुआ नुकसान   राज्यपाल
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शिमला, 10 मार्च (हप्र)हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अभिभाषण में कहा कि आर्थिक चुनौतियों के बावजूद हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर है। हालांकि अभिभाषण में प्रदेश के खराब वित्तीय हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया।
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राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि जीएसटी लागू होने से प्रदेश को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। वहीं रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (आरडीजी) में आई भारी कमी ने राज्य की वित्तीय स्थिति को और अधिक प्रतिकूल बनाया है। राज्यपाल ने अपने एक घंटे 27 मिनट के अभिभाषण में कहा कि दुर्गम पहाड़ी प्रदेश होने के कारण हिमाचल के पास आय के पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ऐसे में राज्य की निर्भरता केंद्रीय अनुदानों पर बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य की केंद्र पर निर्भरता और अधिक बढ़ गई है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले अधिकांश टैक्स जीएसटी में समाहित हो गए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी मुआवजे के रूप में भरपाई सिर्फ पांच वर्षों तक ही की गई और यह व्यवस्था जुलाई 2022 से बंद हो गई है। इसके अलावा 15वें वित्त आयोग में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी अंतरिम रिपोर्ट में 11431 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान अनुशंसित किया था। परंतु यह अनुदान तेजी से घटा है और 15वें वित्त आयोग के अंतिम वित्त वर्ष 2025-26 में यह घटकर महज 3257 करोड़ रुपए रह जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि पूंजीगत व्यय वर्ष 2020-21 के दौरान 5309 करोड़ रुपए था, जो मौजूदा वित्त वर्ष में बढ़कर 6270 करोड़ रुपए प्रस्तावित है। इससे स्पष्ट है कि सरकार ने टेपरिंग राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) के बावजूद पूंजीगत व्यय को कम नहीं होने दिया और प्रदेश में विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

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राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने दिसंबर 2024 तक राज्य कर एवं आबकारी विभाग के माध्यम से 8338 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया है जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11.79 फीसदी अधिक है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन का कार्य मार्च 2027 और भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन का कार्य दिसंबर 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 30929 पात्र महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह की दर से प्रदान करने पर अभी तक 21 करोड़ 93 लाख रुपए की राशि खर्च की है। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 10 गांवों को सड़कों से जोड़ा है और सभी राजस्व अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण भी पूरा कर लिया है। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 पर दिसंबर 2024 तक एक लाख 21 हजार 118 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से एक लाख 5 हजार 345 का निपटारा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ईको-टूरिज्म पाॅलिसी 2024 तैयार की है।

नशे के खिलाफ अभियान से राज्यपाल गदगद

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रदेश सरकार द्वारा नशे के खिलाफ उनके द्वारा चलाए जा रहे अभियान को व्यापक रूप से अपनाने के लिए सरकार और सदन का आभार जताया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में भी नशे के खिलाफ उनकी सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई का जिक्र किया। राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने नशे के अवैध कारोबार से अर्जित 11 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया है।

सरकार ने 10 में से छह गारंटियां की पूरी

राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई 10 में से छह गारंटियों को पूरा कर लिया है। इनमें 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस में लाना, पात्र महिलाओं को चरणबद्ध ढंग से 1500 रुपए की सम्मान राशि प्रदान करना, सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई शुरू करना, गाय और भैंस के दूध के खरीद मूल्य में बढ़ोतरी करना, गोबर की खरीद शुरू करना और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए 680 करोड़ रुपए का राजीव गांधी स्टार्टअप फंड शुरू करना शामिल है।

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