जहां तैयार होते हैं देश की रक्षा करने वाले जांबाज
भारतीय सेना का हिस्सा बनने के चाहवान व देश सेवा के जज्बे से लबरेज युवा कई तरीकों से यह सपना पूरा कर सकते हैं। तैयारी बारहवीं की पढ़ाई के साथ ही शुरू हो जाती है। यूपीएससी हर साल ऑफिसर रैंक पर चयन के लिए बारहवीं के बाद एनडीए परीक्षा व ग्रेजुएशन के बाद सीडीएस परीक्षा प्रक्रिया आयोजित करता है। वहीं टेक्निकल एंट्री स्कीम व एनसीसी के माध्यम से भी सेना में युवाओं का चयन किया जाता है।
अशोक जोशी
ऑपरेशन सिंदूFर के दौरान भारतीय सेना ने अपने पराक्रम और सूझबूझ से दुनिया को हैरान किया है। उसे देखते हुए देश के प्रत्येक युवा की इच्छा होना स्वाभाविक है कि वे भी भारतीय सेना का हिस्सा बनें। भारतीय सेना तीन मिलियन से ज्यादा सैनिकों के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है। हर साल भारतीय सेना अपने रैंक में नए सैनिकों और कैडेटों की भर्ती करती है। सेना को ज्वाइन करके अच्छी तनख्वाह के साथ ही रुतबा और जिम्मेदारी भी मिलती है।
सेना में कैरियर बनाने के चाहवान युवा 10वीं या 12वीं की पढ़ाई करने के साथ ही इंडियन आर्मी में कैरियर बनाने की तैयारी में लग जाते हैं। जहां अफसर बनने का एनडीए द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होती है। जानिए भारतीय सेना में कैसे बनते हैं अफसर और एनडीए में कितने रैंक और कौन -कौन से कोर्स होते हैं।
सेना में कैरियर बनाने के तरीके
भारतीय सेना के पदों पर पहुंचने के दो तरीके हैं : प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना या भर्ती रैलियों में भाग लेना। आप स्थायी कमीशन और शॉर्ट-सर्विस कमीशन में से कोई एक भूमिका चुन सकते हैं। स्थायी कमीशन उन उम्मीदवारों के लिए है जो सेवानिवृत्त होने तक सेना में बने रहना चाहते हैं। अल्पकालिक कमीशन पांच साल के अनुबंध के तहत होता है।
एनडीए परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी एनडीए चयन प्रक्रिया निर्धारित करता है जो अधिसूचना और आवेदन पत्र जारी होने के साथ शुरू होती है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार परीक्षा के लिए पात्र होते हैं। अधिसूचना के साथ ही एनडीए की रिक्तियों की घोषणा की जाती है। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और एसएसबी साक्षात्कार शामिल है। इसमें लिखित परीक्षा में जीएटी और गणित से प्रश्न शामिल होते हैं।
आवश्यक योग्यता
भारतीय सेना में नौकरी पाने के लिए यूपीएससी द्वारा आयोजित कराई जाने वाली परीक्षा पास करनी होती है। इसके जरिए भारतीय सेना में अफसर बन सकते हैं। यह एक ज्वाइंट ट्रेनिंग अकादमी है जहां से सेना, वायुसेना और नौसेना के अफसरों को ट्रेनिंग दी जाती है। एनडीए में भर्ती प्रक्रिया के लिए साइंस वाले छात्र एयरफोर्स और नेवी के लिए मैथ्स और फीजिक्स वाले स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए स्टूडेंट्स की उम्र 16.5 से 19.5 साल के बीच होनी चाहिए।
एनडीए चयन प्रक्रिया
लिखित परीक्षा एनडीए चयन प्रक्रिया का पहला चरण है। एनडीए लिखित परीक्षा का पैटर्न ऐसा है कि इसे दो पेपरों में विभाजित किया गया है, गणित और सामान्य योग्यता परीक्षण होता है। परीक्षा की अवधि 180 मिनट है और इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्न शामिल हैं। लिखित परीक्षा में न्यूनतम योग्यता अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को एसएसबी साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू के लिए चयनित अभ्यर्थियों को कक्षा 12वीं का मूल प्रमाण पत्र या समकक्ष,छात्रों की एक निश्चित श्रेणी के लिए पात्रता प्रमाण पत्र,एससी, एसटी, ओबीसी आदि के लिए जाति प्रमाण पत्र, पहचान और आधार कार्ड/वोटर आईडी/पासपोर्ट/निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज चाहिये।
टेक्निकल एंट्री स्कीम
आप भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तकनीकी योजना परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं। जिन उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में कुल 70 फीसदी अंकों के साथ 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण की है, वे आवेदन करने के पात्र हैं। चुने गए आवेदक अपनी पसंद की स्ट्रीम में बीई कोर्स में दाखिला लेते हैं और लेफ्टिनेंट रैंक के लिए चार साल तक प्रशिक्षित होते हैं। कैडेट सेना में स्थायी कमीशन प्राप्त कर सकता है।
सीडीएस परीक्षा
यूपीएससी साल में दो बार सीडीएस एग्जाम आयोजित करता है। जो उम्मीदवार स्नातक या स्नातक के अंतिम वर्ष में हैं, वे इस परीक्षा के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार स्थायी कमीशन या शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए भारतीय सैन्य अकादमी, वायु सेना अकादमी, नौसेना अकादमी या अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में भाग ले सकते हैं। अर्हता प्राप्त करने के लिए, उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, एसएसबी साक्षात्कार में सफल होना होगा और चिकित्सा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
आर्मी कैडेट कॉलेज
नियमित कमीशन 20 से 27 वर्ष की आयु के बीच योग्य अन्य रैंक (ओआर) पदों के लिए खुला है, जिसके पास 10+2 प्रमाणपत्र है। सैन्य प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा प्रशासित लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एसएसबी और मेडिकल बोर्ड उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करते हैं। वे देहरादून में आर्मी कैडेट कॉलेज विंग में तीन साल के लिए सफल आवेदकों को प्रशिक्षित करते हैं, जिसके बाद उम्मीदवारों को उनकी स्नातक की डिग्री मिलती है। इन उम्मीदवारों को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में एक साल का प्री-कमीशन प्रशिक्षण भी मिलता है।
शॉर्ट सर्विस कमीशन (तकनीकी) तकनीकी शाखाओं में अर्हता प्राप्त स्नातक/स्नातकोत्तर को भारतीय सेना की तकनीकी शाखाओं में काम करने की अनुमति देता है। एसएसबी और मेडिकल बोर्ड परीक्षाओं के बाद, चयनित आवेदकों को चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में प्री-कमीशन प्रशिक्षण पूरा करना होता है। चयनित उम्मीदवारों को शॉर्ट सर्विस कमीशन मिलता है।
टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स
टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स सेना का तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम है। इसके माध्यम से एक इंजीनियरिंग स्नातक (केवल पुरुष) भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में शामिल हो सकता है। इंजीनियरिंग स्नातक के अंतिम वर्ष के छात्र और इंजीनियरिंग स्नातक पास इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम
यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम वे उम्मीदवार शामिल हो सकते हैं, जिसने बीई या बीटेक किया हो, या कॉलेज के आखिरी साल में हो। इसके लिए उम्मीदवार का ग्रेजुएशन फाइनल एग्जाम में 60 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी है। इसके अलावा उसकी उम्र 18-24 साल के बीच होनी चाहिए। यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम से सेलेक्ट होने वालों की ट्रेनिंग आईएमए देहरादून में होती है।
एनसीसी के माध्यम से
यदि आप अपने स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) में रहे हैं और आपके पास एनसीसी का ‘सी’ प्रमाणपत्र है, तो भारतीय सेना आपको सीधा प्रवेश देती है। इसमें पुरुष और महिला दोनों को प्रवेश दिया जाता है। आयु सीमा 19 से 25 वर्ष है।