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जंगलों का स्याह सच

04:00 AM May 05, 2025 IST
जंगलों का स्याह सच
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नीरज मुसाफिर

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आजकल एक किताब पढ़ रहा हूं। इसमें लेखक ने अमेजन नदी के उद्‍गम से संगम तक की पैदल यात्रा की है। पूरे रास्ते में अत्यधिक घना जंगल पड़ता है, जिसे अमेजन रेनफॉरेस्ट कहते हैं। यह जंगल 5000 किलोमीटर में फैला है। लेखक इस यात्रा में अनगिनत गांवों से होकर गुजरा। ज्यादातर गांववालों का व्यवहार उसके प्रति आक्रामक था। लेकिन एक चीज ने मेरा ध्यान आकर्षित किया। वह यह कि लगभग सभी जनजातीय लोग गोरी चमड़ी वालों को मुंहनोचवा और सिरकाटवा कहते थे। बहुत सारे लोगों ने लेखक को भी मुंहनोचवा माना। लेखक ने लिखा कि उनका यह व्यवहार केवल गोरी चमड़ी वालों के लिए ही था।
अमेजन के दुर्गम जंगलों में रहने वाले आदिवासी लोग क्यों इतने आक्रामक हुए? इसका जवाब दिया प्रवीण वाधवा की एक फेसबुक सीरीज ने। उन्होंने भी खूब यात्राएं कीं। ध्यान रहे कि जब कोलंबस भारत के लिए चला, तो अमेरिका पहुंच गया। उसे इंडिया नाम दिया और वहां के निवासियों को कहा- इंडियन। उनकी चमड़ी पर लालिमा थी, तो उन्हें रेड इंडियन भी कहा गया। बाद में स्पष्ट हो गया कि यह इंडिया नहीं है।
खैर,… स्पेन ने दक्षिण अमेरिका पर कब्जा करना शुरू कर दिया। स्पेनिश सेनाएं गईं और जंगलों से लकड़ी, मसाले व चांदी लूटकर स्पेन भेजने लगीं। स्पेनिशों की कालोनियां बसीं, लोगों को ईसाई बनाया गया, भाषा-परिवर्तन और संस्कृति परिवर्तन भी हुए। स्थानीय निवासी अमेजन के जंगलों में भाग गए। बाद में बहुत सारे स्पेनिशों ने स्थानीय युवतियों से विवाह किए, बच्चे पैदा किए और स्थायी रूप से यहीं बस गए। चूंकि गोरे लोगों ने कई सौ वर्षों तक स्थानीय निवासियों पर भयंकर अत्याचार किए थे, इसलिए वे गोरों के दुश्मन बन गए। इसलिए गोरों के प्रति बहुत सारी किंवदंतियां भी बन गईं, जिन्हें वे आज भी सच मानते आ रहे हैं।
आज जहां जंगल में बड़े शहर हैं, वहां तो गोरों का उतना विरोध नहीं होता, लेकिन दूर जंगलों में गोरों को देखते ही मार डालने की प्रथा है। एक और कारण है... शिक्षा और रोजगार के अवसरों की कमी के कारण स्थानीय लोग जंगलों में अफीम आदि उगाते हैं। जंगलों का बहुत बड़ा हिस्सा पुलिस और कानून व्यवस्था से दूर है। स्थानीय लोग अपने रास्तों से ड्रग को शहर तक पहुंचा देते हैं। एजेंटों के जरिये नशे की यह सारी खेप मेक्सिको तक पहुंच जाती है और आखिर में अमेरिका। यानी जंगलों में ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क बहुत मजबूत है।
साभार : नीरज मुसाफिर डॉट कॉम

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