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चैंपियन ट्रॉफी से मिला पाकिस्तानी ज्ञान

04:00 AM Mar 11, 2025 IST
चैंपियन ट्रॉफी से मिला पाकिस्तानी ज्ञान
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आलोक पुराणिक

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जिज्ञासा : तटस्थता से क्या आशय है।
उत्तर : तटस्थता से आशय उस स्थिति से है, जो स्थिति पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की चैंपियन ट्राफी शुरू होने के पांच दिनों के अंदर ही हो गयी थी। यानी ट्राफी के मैच शुरू होने के पांच दिनों के अंदर ही पाकिस्तानी क्रिकेट टीम अपने सारे मैच हारकर टूर्नामेंट से ही बाहर हो गयी। फिर उसकी स्थिति यह हो गयी कि कोई जीते कोई हारे, हमें क्या। अब हम और नहीं हारेंगे, अब कोई टीम हमको और नहीं हरायेगी, यही हमारे लिए राहत की बात है। और जीत कर भी करना क्या था, क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं- यह कविता देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की है।
लेकिन चैंपियन ट्रॉफी टूर्नामेंट की शुरुआत के पांच दिनों में यह कविता पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के लिए फिट बैठ गयी। टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद क्या हार और क्या जीत, यह भाव जिस टीम में घऱ कर जाये, तो उसे कहते हैं तटस्थता का भाव। हार के बाद भयभीत क्या होना, और हार से पहले भी भयभीत क्यों होना, हारेंगे तो क्या, हारने का बहुत अभ्यास है पाकिस्तान को। पाकिस्तान की पब्लिक तो टेंशन में आ जाती है जब पाकिस्तानी टीम जीत जाये।
जिज्ञासा : न तीन में न तेरह में, इस वचन का आशय क्या है।
उत्तर : पाकिस्तान की क्रिकेट टीम चैंपियन ट्राफी शुरू होने के पांचवें दिन ही टूर्नामेंट से बाहर हो गयी, यानी फिर पाकिस्तानी टीम का टूर्नामेंट में कोई लेना-देना न बचा, इस स्थिति को कहते हैं- न तीन में न तेरह में। हमें कुछ भी मतलब नहीं, हम किसी भी तरफ नहीं हैं। इस कहावत की उलटी कहावत भी हो सकती है- तीन में भी तेरह में भी। यानी नीतीश कुमार इधर से उधर करते रहते हैं, नीतीश कुमार कभी तीन पार्टियों वाली सरकार में होते हैं, उनकी अपनी पार्टी, लालू यादव वाली पार्टी और कांग्रेस पार्टी, जब ये तीनों गठबंधन में हों, तो माना जाना चाहिए कि नीतीश कुमार तीन में हैं। जब नीतीश कुमार कई पार्टियों वाले गठबंधन एनडीए गठबंधन में होते हैं, तो माना जा सकता है कि वो तेरह में हैं।
जिज्ञासा : नाच न जाने, न आंगन टेढ़ा, इस कहावत का क्या मतलब है।
उत्तर : इसका मतलब यह है कि अगर नाचने की परफार्मेंस देनी हो, तो आंगन टेढ़ा ही चुनना चाहिए। ताकि अगर परफार्मेंस खराब हो तो आंगन के टेढ़ेपन को जिम्मेदार ठहराया जा सके। पाकिस्तान टीम अपनी नाकामी की जिम्मेदारी भारतीय टीम पर लगा रही है कि भारत की टीम पाकिस्तान खेलने नहीं आयी। इस वजह से पाकिस्तानी टीम टेंशन में आ गयी।

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