चाणक्य की दूरदृष्टि
04:00 AM Mar 06, 2025 IST
Advertisement
एक बार चंद्रगुप्त ने चाणक्य से जिज्ञासावश पूछा, ‘आपकी खोजपूर्ण दृष्टि को मेरा डील-डौल युक्त शरीर इतना विशेष क्योंकर लगा था?’ चाणक्य ने रहस्यपूर्ण मुस्कान के साथ सरलता से बताया, ‘किशोर चंद्रगुप्त मुझे शासक की भूमिका में खेलते हुए मिले थे। जंगल में वह राजा और प्रजा का खेल खेल रहे थे। कम आयु में भी चंद्रगुप्त में शासक जैसा संतुलन और समझदारी थी। ऐसी समझ और आत्मविश्वास केवल वही व्यक्ति दिखा सकता है, जो अपने परिवेश को गहरे से समझता हो। तुम बंधकर रहने वाले नहीं, सम्राट बनकर विस्तार पाने वाले हो, चंद्रगुप्त। यह तुमने सिद्ध भी कर दिया है।’ चाणक्य की बात सौ प्रतिशत सही थी।
Advertisement
प्रस्तुति : पूनम पांडे
Advertisement
Advertisement