गुरुग्राम, 9 मई (हप्र)गुरुग्राम शहर में मॉनसून के दौरान जलभराव की समस्या को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर धरातल पर गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में किसी भी स्तर पर चूक की गुंजाइश न रहे, इसके लिए प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह निरंतर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं।इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में निगम अधिकारियों के साथ बैठक की। कैबिनेट मंत्री ने बैठक में निगम अधिकारियों से स्टॉर्म वाटर ड्रेन व वार्डों के भीतर सीवरेज सिस्टम की सफाई, निगम एरिया में स्थापित एसटीपी की कार्यकुशलता व जोनवार सफाई व्यवस्था की विस्तृत रिपोर्ट लेने के बाद कहा कि 15 जून से पहले सभी ड्रेनों और सीवरेज लाइनों की सफाई पूरी कर ली जाए ताकि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।राव नरबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि सफाई कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यकतानुसार जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को साफ-सुथरा और जलभराव रहित वातावरण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राव ने कहा कि जलभराव वाले पॉइंट्स पर जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। उसकी जानकारी संबंधित क्षेत्र की आरडब्ल्यूए व पार्षद के साथ जरूर साझा की जाए ताकि आपात स्थिति में वे उनसे सीधे संपर्क कर सकें।राव ने निगम की इंजीनियरिंग विंग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निगम के समूचे क्षेत्र में सीवर के ढक्कन जलनिकासी के निर्धारित स्तर पर लगे हों। उन्होंने कहा कि सीवर के ढक्कन सही लेवल पर न होने के चलते बरसात के समय पानी की निकासी नहीं हो पाती जिससे जलभराव की स्थिति बनने के साथ साथ सड़क को भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह ध्यान रखें कि भ्रष्टाचार किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सड़क निर्माण व टाइल रोड में गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री का सरकारी लैब में ही सैंपल टेस्ट किया जाए। कैबिनेट मंत्री ने इस दौरान निगम अधिकारियों को गुरुग्राम में टेस्टिंग लैब बनाने के विकल्पों पर भी आगे बढ़ने के निर्देश दिए।