गर्मी में पैरों की खास देखभाल
ज्यादातर लोग नहाने के दौरान बाकी शरीर को तो मल-मलकर धोते हैं लेकिन पैरों को गीलाभर करते हैं। जबकि पैरों को साफ और आकर्षक बनाए रखना सेहत व सुंदरता दोनों के लिए जरूरी है। गर्मियों में तपिश व धूल-मिट्टी से पैरों की स्किन रूखी हो जाती है, ऐसे में ज्यादा सावधानी अपनाई जाये तो बेहतर है।
नीलोफर
गर्मी के मौसम में पैरों की देखभाल करना थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि लगातार चिलचिलाती धूप, गर्मी और धूल-मिट्टी व सूखी जमीन हमारे पैरों को रूखा और बेजान बना देती है। साथ ही गर्मी के दिनों में खुले फुटवियर पहनने से भी पैर खुले रहते हैं, जिसके कारण इनकी सुंदरता और रख-रखाव पर खास ध्यान देना पड़ता है। तो जानें कि इन दिनों अपने पैरों की देखभाल कैसे करें-
नियमित धोएं पांव
पैरों को प्रतिदिन अच्छी तरह साफ पानी से धोएं व इसे अपनी दिनचर्या का जरूरी हिस्सा बनाएं। ज्यादातर लोग नहाने के दौरान अपने शरीर को तो मल-मलकर धोते हैं लेकिन पैरों को तो बस गीलाभर करके काम चला लेते हैं। जबकि हमें पैरों को दुरुस्त और आकर्षक रखने के लिए इन दिनों दिन में कम से कम एक बार उन पर अच्छी तरह से ध्यान देना चाहिए। इसके लिए दिन में एक बार अपने पैरों को किसी एंटीबैक्टिीरियल साबुन से अच्छी तरह धोएं और सूखे व मुलायम कपड़े से साफ करें। पैरों की अंगुलियों के बीच की त्वचा की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें क्योंकि इस स्थान पर बैक्टीरिया सबसे जल्दी पनपते हैं।
एड़ियों को रखें साफ
गर्मी के दिनों में धूल-मिट्टी भरी जमीन पर चलने के कारण पैरों की त्वचा की कोशिकाएं शुष्क हो जाती हैं। इसलिए सप्ताह में एक बार एड़ियों को अच्छी तरह रगड़ें ताकि इन पर जब मॉश्चराइजर लगाया जाए तो उसका असर हो। जिनकी त्वचा रूखी होती है, उन्हें चीनी से बने स्क्रब का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन नम त्वचा वाले लोग ऑयल बेस्ड स्क्रब का इस्तेमाल कर सकते हैं; क्योंकि नमक त्वचा पर होने वाली अशुद्धियों को दूर करता है।
पानी में देर तक न डुबाएं पांव
गर्मी के दिनों में कहीं बाहर से आने के बाद लगता है कि पैरों को घंटों ठंडे बर्फ के पानी में डुबोकर रखा जाए तो पैरों की थकान दूर होती है। बेशक थोड़ी देर के लिए तो यह सही है लेकिन अगर कई घंटे तक लगातार पैरों को पानी में डुबोकर रखें तो इनमें डिहाइड्रेशन हो जाता है। ऐसे में पहले से ही रूखे पैरों की त्वचा पर बुरा असर होता है। अतः पैरों को पानी में देर तक डुबोने की बजाय इनकी शुष्क त्वचा पर चीनी का स्क्रब रखकर इस पर गीला तौलिया लपेट दें तो पैरों की खोई हुई नमी फिर से लौट आती है।
प्यूमिक स्टोन से सफाई
आजकल बाजार में रेडिमेड प्यूमिक स्टोन मिलते हैं, इससे एक दिन छोड़कर या प्रतिदिन पैरों पर रगड़कर उनकी सफाई करें ताकि मृत त्वचा पैरों को खुरदरा न बना पाए। रगड़ते समय कोमल हाथों से रगड़ें ताकि पैरों की नाजुक त्वचा न छिले।
मॉश्चराइज करने का फायदा
हमारे पैरों में 25000 स्वेद ग्लैंड्स होते हैं, जिनसे प्रतिदिन काफी मात्रा में पसीना निकलता है। पैरों पर हमारे शरीर का पूरा भार टिका रहता है यह हमारे पैर ही हैं जो हमारा पूरा शरीर यहां से वहां ढोते हैं। गर्मी के दिनों में अगर ज्यादा पैदल चलते हैं तो पैर रूखे और बेजान हो जाते हैं। पैरों की एड़ी की त्वचा भी पतली होती है। यही वजह है कि चलने के दौरान इसकी नमी खत्म हो जाती है, इसलिए गर्मियों के दिनों में पैरों पर ऐसा मॉश्चराइजर लगाना चाहिए जो ऑयल बेस्ड हो। नहाने के तुरंत बाद पैरों पर तेल या लोशन लगाएं। रात को सोने से पहले पैरों पर मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
सनस्क्रीन की प्रोटेक्शन
गर्मी के दिनों में लोग चेहरे की त्वचा पर तो सनस्क्रीन लगाते हैं लेकिन वह पैरों की और कोई ध्यान नहीं देते। लेकिन पैरों की त्वचा और इसके नाखून दोनों को सनस्क्रीन की प्रोटेक्शन की जरूरत होती है। नाखून प्रोटीन से बने होते हैं और त्वचा की तरह इन पर सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों का बुरा असर होता है। पैरों के नाखूनों के पोरों की नमी इनकी वृद्धि में सहायक होती है और यही उनका आधार भी होती है। यही वजह है कि सूर्य की तेज किरणें, हवा और धूल-मिट्टी के कारण नाखूनों के पोर खुश्क हो जाते हैं और उसके आसपास की त्वचा खराब हो जाती है, जिसके कारण नाखूनों की वृद्धि रुक जाती है। इसलिए गर्मी के दिनों में नाखूनों को सुरक्षित रखने के लिए सनस्क्रीन को चेहरे की त्वचा ही नहीं बल्कि हाथों और पैरों पर भी लगाएं। -इ.रि.सें.