मोहाली, 4 जुलाई (निस)ग्रेटर मोहाली एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) के दफ्तर में रजिस्टर्ड वसीयत होने के बावजूद प्रॉपर्टी ट्रांसफर करवाने के लिए लोगों को चक्कर काटने पड़ते हैं क्योंकि गमाडा अधिकारी सभी वारिसों की मौजूदगी के बिना रजिस्टर्ड वसीयत होने पर भी ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी नहीं करते। लेकिन अब यह मुश्किल दूर होने जा रही है। मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह ने उच्च अधिकारियों से बातचीत की है और भरोसा दिया है कि एक हफ्ते के अंदर नियमों में संशोधन कर लोगों को पहले जैसी सुविधा दोबारा उपलब्ध कराई जाएगी। विधायक ने 'दैनिक ट्रिब्यून' से बातचीत में बताया कि मोहाली के कई लोगों और प्रॉपर्टी डीलरों ने उन्हें शिकायत दी थी कि रजिस्टर्ड वसीयत होने के बावजूद गमाडा अनावश्यक रुकावटें डाल रहा है। गमाडा के कुछ अधिकारियों ने नया आदेश लागू करके प्रॉपर्टी ट्रांसफर के समय सभी वारिसों को बुलाने की शर्त रख दी थी, जिसके कारण लोगों को तारीख पर तारीख मिलती जा रही थी। विधायक कुलवंत सिंह ने कहा कि आजकल अधिकतर लोग वसीयत रजिस्टर्ड करवाते हैं, जो तहसीलदार के सामने दर्ज होती है। इसके बावजूद गमाडा प्रॉपर्टी ट्रांसफर में बाधा डाल रहा था, जो ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मसले को लेकर उन्होंने अतिरिक्त सचिव हाउसिंग से बातचीत की है और आश्वासन मिला है कि नियमों में बदलाव कर रजिस्टर्ड वसीयत धारकों को पहले की तरह ही ट्रांसफर प्रक्रिया का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत अखबार में इश्तहार देकर 15 दिन का ऑब्जेक्शन का समय दिया जाता है, सभी वारिसों को बुलाने की जरूरत नहीं होती। विधायक के अनुसार एक हफ्ते के अंदर इस बारे में नए आदेश जारी कर दिए जाएंगे ।