खुद की ब्रांडिंग कर लिखें इबारत कामयाबी की
पर्सनल ब्रांडिंग का मतलब है खुद की पहचान किसी खास कार्यक्षेत्र में स्थापित करना। ताकि लोग आपको आपके हुनर या विशेषज्ञता से पहचानें। ऐसा करके तेजी से कैरियर ग्रोथ होगी। लेकिन इसके लिए लगातार सीखना, खुद को अपडेट करना व अपने काम में महारत जरूरी है वहीं उसे लोगों तक पहुंचाएं भी। अपने फील्ड में फिजिकल संपर्क के साथ ही सोशल मीडिया पर आपकी मौजूदगी भी इसमें मददगार है।
नरेंद्र कुमार
आजकल कैरियर में ‘पर्सनल ब्रांडिंग’ की हर तरफ खूब चर्चा हो रही है। हरेक कैरियर काउंसलर इसका सुझाव दे रहा है। इसकी बदौलत कामयाबी को रॉकेट स्पीड मिलने की बात कही जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्यों न आप भी इस सफलता के रामबाण नुस्खे का फायदा उठायें? तो जानिये कि पर्सनल ब्रांडिंग होती क्या है और इससे हमें अपने कैरियर में किस तरह फायदा मिलता है?
कामयाबी का स्मार्ट तरीका
पर्सनल ब्रांडिंग का मतलब है खुद को एक ब्रांड की तरह स्थापित करना ताकि लोग आपके नाम को किसी खास क्षेत्र या विशेषज्ञता के साथ जोड़कर याद करें। आपकी पहचान, आपके कौशल और अनुभव का पर्याय बन जाये। इस तरह आपके क्षेत्र में लोग आपको एक भरोसेमंद और प्रभावशाली शख्स के रूप में पहचानें।
कैरियर में कैसे मिले फायदा?
अगर आप किसी क्षेत्र विशेष में अपनी ब्रांडिंग मजबूत करते हैं, तो आपको उस क्षेत्र में अनेक बड़े अवसर मिल सकते हैं। ब्रांड बन जाने से आपके क्षेत्र के बड़े लोग आपसे जुड़ना चाहेंगे, जिससे कैरियर ग्रोथ आसान हो जाती है। आजकल कंपनियां सिर्फ डिग्री नहीं बल्कि व्यक्तित्व और ब्रांड वैल्यू भी देखती हैं। मजबूत पर्सनल ब्रांड से इंटरव्यू में प्रभावशाली प्रदर्शन किया जा सकता है वहीं स्वतंत्र काम कर सकते हैं। मोटिवेशनल स्पीकर और उद्यमी संदीप माहेश्वरी पहले एक फोटोग्राफर थे, लेकिन उन्होंने अपनी ब्रांडिंग एक प्रेरक वक्ता के रूप में बना ली और सोशल मीडिया व यूट्यूब के जरिए लोगों के सामने अपने विचार साझा किए, जिससे लोग प्रभावित हुए और आज वह कामयाबी की मिसाल हैं। कैरियर एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्किल्स होना काफी नहीं बल्कि उन्हें सही तरह से प्रस्तुत करना भी जरूरी है।
डिजिटल प्रेजेंस हो प्रभावशाली
इस हेतु सोशल मीडिया और ब्लॉगिंग के जरिये दुनिया से अपना ज्ञान साझा करें। इसके लिए नेटवर्क बनाएं, इंडस्ट्री इवेंट्स, वेबिनार और प्रोफेशनल ग्रुप्स में हिस्सा लें। अपनी तय की गयी विशेषज्ञता से जुड़े विषयों पर लगातार काम करें और उसे प्रमोट करें। पर्सनल ब्रांडिंग न सिर्फ पहचान दिलाती है बल्कि नए अवसरों तक ले जाती है। बशर्ते आपके पास पर्सनल ब्रांडिंग के लिए जरूरी खूबियां हों। इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण खूबियों को विकसित करना होगा। यही खूबियां आपको कैरियर में कामयाबी की ओर ले जायेंगी।
क्या खूबियां हैं जरूरी?
सबसे पहले तो आपको यह साफ तौरपर पता होना चाहिए कि आप किस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। मसलन डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट बनना चाहते हैं, तो आपकी ब्रांडिंग उसी दिशा में होनी चाहिए। साथ ही पर्सनल ब्रांडिंग दिखावे पर नहीं, असली हुनर और व्यक्तित्व पर आधारित होनी चाहिए। मसलन एक फिटनेस एक्सपर्ट हैं, तो खुद फिट रहकर उसे अपना विजिटिंग कार्ड बनाएं।
अपना प्लस-माइनस जानें
अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानें और हमेशा अपने मजबूत पक्षों को उभारें व कमजोरियों पर काम करें। मसलन अगर आप एक अच्छे स्पीकर नहीं हैं, लेकिन लिखने में बेहतर हैं, तो ब्लॉग और लेखन पर फोकस करें। क्योंकि अपनी बात को साफ और प्रभावशाली तरीके से कहना आना चाहिए। मसलन अगर आप एक टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं, तो आपको तकनीकी जानकारी को सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाने की कला आनी चाहिए।
नेटवर्किंग में दक्षता हो
नेटवर्किंग का मतलब है अपने क्षेत्र के महत्वपूर्ण लोगों के संपर्क में रहना। ऐसे लोगों के साथ संपर्क में होने से हम लगातार सीखते रहने की प्रक्रिया में रहते हैं। मसलन अगर आपका रिश्ता फैशन इंडस्ट्री से है या इस इंडस्ट्री में कैरियर बनाना चाहते हैं तो डिज़ाइनर्स, स्टाइलिस्ट्स और इंफ्लुएंसर्स से जुड़े रहने का फायदा होगा। जुड़े रहने का मतलब सीधे फिजिकल संपर्क या ऑनलाइन जुड़ाव भी हो सकता है। आप अपने क्षेत्र से जुड़ी जानकारियां सोशल मीडिया, वेबसाइट या ब्लॉग आदि के माध्यम से शेयर कर सकते हैं। इस सबके साथ हममें सीखने की ललक होनी चाहिए। अपनी फील्ड से जुड़े नए ट्रेंड्स और टेक्नोलॉजी को लेकर अपडेट रहें। नई स्किल्स सीखते रहने से हमारे ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। मसलन, आप कंटेंट क्रिएटर हैं, तो वीडियो एडिटिंग और ट्रेंडिंग सोशल मीडिया स्ट्रेटेजी भी सीखनी होगी,तभी पूरे फायदे मिलेंगे।
समस्या को सुलझाना सीखें
आपकी ब्रांडिंग तभी मजबूत होगी जब आप लोगों की समस्याओं का हल निकालेंगे। सबसे पहले तो आप जो भी कंटेंट या सर्विस दें, वह लोगों के लिए उपयोगी होनी चाहिए। मसलन अगर आप कैरियर काउंसलर हैं, तो लोगों को सही कैरियर चुनने में मदद करें। झिझक महसूस न करें। मसलन अगर आप एक पब्लिक स्पीकर बनना चाहते हैं, तो स्टेज पर जाने से पहले अपनी स्पीच की प्रैक्टिस करें और आत्मविश्वास बनाए रखें। पर्सनल ब्रांडिंग एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन सही दृष्टिकोण और मेहनत से आप खुद को प्रभावी ब्रांड के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
पहुंच बढ़ायें
पर्सनल ब्रांडिंग सिर्फ कैरियर में थोड़ी जगह बनाने का जुगाड़ भर नहीं है बल्कि यह आपको इंडस्ट्री में एक प्रभावशाली और विश्वसनीय व्यक्तित्व बनाने का सबसे मजबूत जरिया है। सही तरीके से पर्सनल ब्रांडिंग करने से आप अपने कैरियर में लोकल लेवल से इंटरनेशनल पहचान तक पहुंच सकते हैं। शुरुआती स्तर में पहचान बनाना महत्वपूर्ण होता है,जब लोग आपको आपके काम और प्रतिभा के लिए पहचानना शुरू करते हैं। इसी दौरान सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर, ब्लॉग लिखकर, या छोटी-छोटी उपलब्धियों को दिखाकर पहचान बना सकते हैं। इस तरह पर्सनल ब्रांडिंग के जरिये आपके कैरियर को राकेट स्पीड मिलेगी। इ.रि.सें.