चंडीगढ़, 12 मार्च (ट्रिन्यू)हरियाणा के संसदीय कार्य मामलों के मंत्री महिपाल ढांडा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका से डिपोर्ट हुए प्रदेश के युवाओं को कैदी वैन में नहीं, सामान्य बसों में लाया गया था। उन्होंने कहा कि फर्जी ट्रैवल एजेंट्स से सख्ती से निपटने के लिए सरकार कानून बनाएगी। बजट सत्र के दौरान ही विधेयक पेश किया जाएगा। ढांडा ने विधेयक को लेकर सभी विधायकों से सुझाव भी मांगे हैं।उन्होंने कहा कि अच्छे सुझावों को विधेयक में शामिल किया जाएगा। विधेयक में सरकार ट्रैवल एजेंट्स के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करेगी। लोगों के साथ ठगी करने वाले एजेंट्स के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। विधेयक में सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रावाधान होगा। कांग्रेस विधायकों- गीता भुक्कल, अशोक अरोड़ा, शीशपाल केहरवाला, आफताब अहमद तथा इनेलो के अर्जुन सिंह चौटाला के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में ढांडा ने यह बात कही।उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है। रोजगार को लेकर देश के बड़ी संख्या में युवा विदेश में जाते हैं। भविष्य में युवाओं व अन्य के साथ ऐसी कोई धोखाधड़ी न हो, इसके लिए सरकार अध्यादेश लेकर आएगी। ढांडा ने बताया कि अमेरिका से पिछले 16 वर्षों से नागरिकों को डिपोर्ट किया जा रहा है।इस मुद्दे पर चर्चा में शीशपाल केहरवाला ने कहा कि डंकी के रास्ते हरियाणा के बच्चे बाहर गए थे, उनको अमेरिका ने डिपोर्ट कर वापस भेज दिया। इन्होंने वहां पर अपने कार्य भी शुरू किए थे, अब इनका लगाया हुआ पैसा सरकार अमेरिका से कैसे वापस मंगाएगी। आफताब अहमद ने कहा कि सरकार ने पिछले दिनों विदेश में युवाओं की प्लेसमेंट कराने की बात कही थी। सरकार युवाओं को विदेश भेजने के दावे कर रही थी। अभी फर्जी ट्रैवल एजेंट युवाओं को ठग रहे हैं।इस रूट से जाते अमेरिकासदन में यह जानकारी भी सामने आई कि प्रदेश से युवा स्टडी वीजा, वर्क परमिट और टूरिस्ट वीजा लेकर विदेश पहुंच रहे हैं। विदेश पहुंचने के बाद दुबई, सिंगापुर, स्पेन, मैक्सिको, नीदरलैंड व थाइलैंड से डंकी रूट के जरिये अमेरिका, कनाडा व पश्चिमी देशों की ओर रुख करते हैं। अर्जुन चौटाला ने अवैध तरीके से युवाओं को विदेश में भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब मांगा।एसआईटी कर रही कार्रवाईप्रदेश सरकार ने मई-2020 में करनाल आईजी की अध्यक्षता में अवैध एजेंटों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए एसआईटी का गठन किया पांच वर्षों में 2008 अवैध प्रवासन मामले दर्ज किए गए। इनमें 1917 गिरफ्तारियां करने के साथ 26.08 करोड़ की अधिक राशि बरामद की गई।किस वर्ष कितने हुए डिपोर्टवर्ष संख्या2009 7342010 7992011 5972012 5302013 5152014 5912015 7082016 13032017 10242018 11802019 20422020 18892021 8052022 8622023 6172024 13682025 332