किसानों का कल्याण सरकार की नीतियों के केंद्र में : मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 13 मार्च (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसान हित सरकार की नीतियों के केंद्र में है। सरकार किसानों की सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद कर रही है। वर्ष 2021-22 से लेकर अब तक सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीद किये गये खाद्यान्नों की 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे डाली जा चुकी है। सीएम बृहस्पतिवार को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
नायब ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता एमएसपी के नाम पर किसानों को झूठ बोलकर बरगलाने का काम कर रहा है। 2014 में कांग्रेस के शासनकाल में 30 लाख 7 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। 2024-25 में 53.99 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। इससे स्पष्ट है कि हम लगभग दोगुना अधिक धान की सरकारी खरीद कर रहे हैं। वर्ष 2014 में कॉमन धान का एमएसपी 1,310 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब ग्रेड-ए का 2,320 रुपये प्रति क्विंटल और कॉमन धान का 2,300 रुपये प्रति क्विंटल है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में तकनीकी सुधार करके समय और भ्रष्टाचार को कम किया है। यदि कहीं ज्यादा बिल काट कर कम पैसे दिये जाने की शिकायत है, तो सरकार को बतायें, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल बिजाई सीजन में सरकार द्वारा यूरिया की पूरी व्यवस्था की जाती है। रबी सीजन 2024-25 के लिए राज्य में 14 लाख 26 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से अभी तक 12 लाख 23 हजार मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है।
पिछले रबी सीजन के दौरान यूरिया की बिक्री 11 लाख 6 हजार मीट्रिक टन थी। वर्तमान में, राज्य में 2 लाख 2 हजार मीट्रिक टन यूरिया अभी भी उपलब्ध है। आगामी सीजन में भी किसानों को यूरिया व डीएपी खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जब किसान, मजदूर ने कांग्रेस को नकार दिया है तो कांग्रेस के नेताओं को किसानों के हित याद आ रहे हैं। देश में कांग्रेस की सत्ता साढ़े 5 दशकों तक रही है। अगर इस पार्टी ने किसान हित की सोची होती, मजदूर हित की सोची होती, तो आज इन्हें ये दिन देखने न पड़ते।
उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार ने किसान के कर्ज भार को कम करने के लिए एकमुश्त निपटान योजनाएं शुरू की, इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है। हरियाणा में तो कांग्रेस की सरकार ने भूमि अधिग्रहण करके किसानों को भूमिहीन बना दिया। सीएलयू के नाम पर कॉलोनाइजर को लाभ पहुंचाया और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।