भिवानी, 4 जुलाई (हप्र)जिले में करोड़ों की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में रजिस्ट्री क्लर्क विकास व ओमबीर नंबरदार को तीन साल बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने पकड़ने में सफलता हासिल की है। शुक्रवार को इन्हें न्यायालय में पेश किया गया है। करोड़ों की जमीन मामले में तहसीलदार सहित 8 लोगों को पहले पकड़ा जा चुका है।वर्ष 2022 में भिवानी के बैपटिस्ट चर्च की 12 कनाल, 11 मरले जमीन फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को बेचने का कार्य किया गया था, जिसकी शिकायत दिल्ली निवासी सुमित द्वारा किए जाने के बाद यह मामला संज्ञान में आया, क्योंकि सुमित के पास इस जमीन की पॉवर ऑफ एटर्नी थी।गौरतलब है कि बैपटिस्ट चर्च की 12 कैनाल, 11 मरले जमीन के इस घोटाले की आंच तत्कालीक उच्च अधिकारियों पर भी गई थी। अधिकत्तर उच्च अधिकारी इस मामले में बच निकले है। उन्होंने बताया कि एक तहसीलदार को इस मामले में गिरफ्त में लिया गया तथा निचले स्तर के कुल 9 अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं।रजिस्ट्री क्लर्क ने दस्तावेज चैक किए बगैर कंप्यूटर में किया था फीडएंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर कुलवंत ने बताया कि रजिस्ट्री क्लर्क विकास व ओमबीर नंबरदार को वर्ष 2012 के एक जमीन हस्तांतरण के मामले में गिरफ्तार किया है। विकास ने फर्जी दस्तावेज को बगैर चैक किए कंप्यूटर में फीड करवाया था तथा ओमबीर नंबरदार ने जमीन के क्रेता व विक्रेता को बगैर जान-पहचान के साइन किए थे।इस मामले में तत्कालीक तहसीलदार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। इन आरोपियों को अब गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। इस मामले में कुल 8 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।